Mirza Ghalib: आगरा को मिर्जा गालिब पर गुमान, जिस शहर में जन्मे, वहीं हो गए गुमनाम
आगरा के कालामहल में जन्मे थे मशहूर शायर मिर्जा गालिब। गुलाब खाना में अंकुरित हुआ सूफियाना अंदाज। नसीरुद्दीन शाह अभिनीत टीवी सीरियल भी उन पर बन चुका है पर वह अपनी ही सरजमीं पर गुमनाम हैं। आगरा में उनकी यादों को सहेजा नहीं गया।
By Prateek GuptaEdited By: Updated: Sun, 27 Dec 2020 12:17 PM (IST)
आगरा, आदर्श नंदन गुप्त। ताजनगरी में जन्मे मशहूर शायर गालिब पर पूरा मुल्क गुमान करता है। उनके शेर संसद से लेकर सरहद पार तक शान से पढ़े जाते हैं। नसीरुद्दीन शाह अभिनीत टीवी सीरियल भी उन पर बन चुका है, पर वह अपनी ही सरजमीं पर गुमनाम हैं। उनकी बदनसीबी है कि केवल मुशायरों और तकरीर तक ही उनकी शोहरत सिमट कर रह गई है।
27 दिसंबर 1797 में काला महल मुहल्ले में जन्मे मिर्जा गालिब की शिक्षा यहीं हुई। उसी दौर में गुलाब खाना पर फारसी के स्कालर रुका करते थे, उनका सानिध्य पाकर गालिब में भी सूफियाना अंदाज अंकुरित हुआ था। यहीं उनका निकाह भी हुआ और साहित्य का सृजन भी किया। आखिरी मुगल शासक बहादुर शाह जफर के वह दरबारी रहे, बादशाह उन्हें अपने साथ बैठाया करते थे।नाम पर बस, बदनसीबी
नाई की मंडी में मिर्जा गालिब के नाम पर छोटा और बड़ा गालिबपुरा है। नाई की मंडी के पूर्व पार्षद मो. सुहैल कुरैशी ने बताया कि वर्ष 2008-09 में नगर निगम में उन्होंने नाई की मंडी चौराहा का नाम गालिब के नाम पर करने का प्रस्ताव रखा था, पास हुआ, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते बाद में कुछ नहीं हो पाया।
पार्क का नाम भी बदला गया
छावनी क्षेत्र में 509 के पास चिल्ड्न पार्क का नाम करीब आठ साल पहले गालिब के नाम पर कर दिया गया था। वहां गालिब द्वारा बच्चों के लिए लिखे शेर बोर्ड पर लिख कर जगह-जगह लगाए गए थे। साहित्यसेवी अरुण डंग ने बताया कि यह प्रयास 509 के बिग्रेडियर मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव ने किया था। डंग के अनुसार तत्कालीन जिलाधिकारी दुर्गाशंकर मिश्र ने छह लाख रुपये गालिब की आदमकद प्रतिमा के लिए स्वीकृत कराए थे, लेकिन वह भी नहीं लग सकी। ताजमहोत्सव में जरूर एक मुशायरा उनके नाम से हो रहा है।
कोलकाता में गालिब के नाम पर मार्ग जिंदगी का महत्वपूर्ण समय आगरा में गुजारने वाले गालिब को यहां कुछ नहीं मिला। वह केवल दो महीने के लिए कोलकाता गए, वहां उनके नाम से पार्क स्ट्रीट वाला मार्ग है।बज्म-ए-गालिब आज गालिब की याद में बज्म-ए-गालिब का आयोजन होटल ग्रांड में रविवार को शाम 3.30 बजे किया गया है। सुशील सरित के अनुसार इसमें विख्यात गजल गायक सुधीर नारायन गालिब के कलामों को सुरों से सजाएंगे।
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