Taj Mahal: आखिर क्या कारण है जो ताजमहल की दीवारों, फर्श और अन्य हिस्सों में आईं कई दरारें, PHOTOS
Taj Mahal News खूबसूरत ताजमहल पर पत्थरों के जोड़ को मजबूत बनाने के लिए लगाए गए लोहे के क्लैंप ही बेशकीमती पत्थरों को चटका रहे हैं। विभाग पिछले दिनों भारी बारिश के बाद ताजमहल के मुख्य मकबरे में पानी टपकने की वजह कलश की छड़ में जंग लगना मान रहा है। ताजमहल आगरा किला फतेहपुर सीकरी समेत सभी स्मारकों में लगे हैं लोहे के क्लैंप व छड़।
जागरण संवाददाता, आगरा। मुगल काल में बने स्मारकों में पत्थरों के जोड़ की मजबूती को लगाए गए आयरन क्लैंप और छड़ (राड) ही अब संकट बन रहे हैं। नमी और आक्सीजन के सम्पर्क में आने से जंग लगने पर यह फूल रहे हैं और इससे पत्थर चटक रहे हैं। ताजमहल, आगरा किला समेत अन्य स्मारकों में इसे देखा जा सकता है। यही वजह है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) अब संरक्षण कार्य में लोहे की जगह स्टील के क्लैंप व राड का इस्तेमाल कर रहा है। ताजमहल, आगरा किला में ऐसा किया भी गया है।
ताजमहल के पत्थर कुछ इस तरह से निकले दिख रहे हैं।
मुगल काल में स्मारकों में किया था उपयोग
मुगल काल में स्मारकों के निर्माण में चूने के विशेष मसाले के साथ लाखौरी ईंटों, रेड सैंड स्टोन का प्रयोग किया गया था। शाहजहां के समय सफेद संगमरमर से स्मारक बनाए गए। उस काल में लोहे को मजबूत मानते हुए पत्थरों के जोड़ पर लोहे के बने क्लैंप लगाए गए थे। इसके साथ ही कलश के अंदर लोहे की छड़ों का प्रयोग किया गया था।
क्लैंप फूलने से ताजमहल में इस तरह से कुछ जगह पत्थर चटके हैं
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।कलश टूटने की वजह छड़ का गलना माना था
2016 में ताजमहल की उत्तर-पश्चिमी मीनार का कलश टूटने की वजह लोहे की छड़ गलना था। ताजमहल में मुख्य मकबरे की बाहरी दीवार व मीनार के कुछ पत्थर लोहे की क्लैंप में जंग लगने की वजह से चटक चुके हैं। वर्षा में मुख्य मकबरे में पानी टपकने की वजह भी कलश में लगी छड़ में जंग लगने की संभावना विभाग जता रहा है। इसकी ग्रॉउटिंग की जाएगी। ताजमहल के पत्थर कुछ इस तरह निकले दिख रहे हैं।यहां लगे हैं लोहे के क्लैंप
- ताजमहल में मुख्य मकबरा, मीनार, मकबरे की छत पर बनी चारों बुर्जियां, रॉयल गेट, रायल गेट के ऊपर बनी बुर्जियां, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी गेट, ज़मार्क की दीवार।
- आगरा किला में मुसम्मन बुर्ज, मोती मस्जिद व अन्य स्मारक।
- फतेहपुर सीकरी, सिकंदरा, एत्माद्दौला समेत अन्य स्मारक।
यहां लगी हैं लोहे की छड़
- ताजमहल में मुख्य मकबरे के गुम्बद के कलश के अंदर, चारों बुर्जियों के कलश व गुलदस्ते।
- रायल गेट की बड़ी और छोटी बुर्जियों के कलश व गुलदस्ते।
- पूर्वी, पश्चिमी व दक्षिणी गेट के गुलदस्ते।
- सहेली बुर्ज के कलश के अंदर
यहां बदले जा चुके हैं लोहे के क्लैम्प व छड़
ताजमहल की उत्तर-पश्चिमी मीनार के कलश की लोहे की छड़ की जगह स्टील की छड़ लगाई।ताजमहल में मुख्य मकबरे पर बनीं बुर्जियों में लोहे की जगह स्टील के क्लैंप लगाए गए।रायल गेट के गुलदस्ते में लोहे की छड़ की जगह स्टील की छड़ और लोहे के क्लैंप की जगह स्टील के क्लैंप लगाए।आगरा किला में मुसम्मन बुर्ज और मोती मस्जिद में लोहे के क्लैंप की जगह स्टील के क्लैंप लगाए। जंग लगने पर लोहे के क्लैंप फूलने से ताजमहल में इस तरह से कुछ जगह पत्थर चटके हैं।मुगल काल में स्मारकों में पत्थरों के जोड़ को मजबूत बनाने के लिए लोहे के क्लैंप लगाए गए थे। जंग लगने पर इनके फूलने से पत्थर चटक जाते हैं। कुछ जगहों पर स्टील के क्लैंप लगाए गए हैं। -डा. राजकुमार पटेल