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विदेश में भी बज रहा हिंदी का डंका, मास्को-तेहरान बोले- सीखेंगे हिंदी, हमारे यहां खोलो केंद्र

केंद्रीय हिंदी संस्थान के पास रूस से मास्को और ईरान से तेहरान ने छात्रों को हिंदी पढ़ाने के लिए केंद्र खोलने का प्रस्ताव भेजा था। इसके लिए एमओयू भी होंगे। जिसके बाद दोनों देशों के साथ संस्थान शिक्षक छात्र पुस्तकें व संसाधन साझा करेगा। वहीं अगले सत्र से विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। 150 छात्रों को प्रवेश मिलेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 04 Aug 2023 01:35 PM (IST)
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केंद्रीय हिंदी संस्थान के पास मास्को-तेहरान ने भेजा प्रस्ताव। -जागरण

आगरा, प्रभजोत कौर। हिंदी का डंका विदेश में भी बज रहा है। भारत सरकार हिंदी के प्रचार-प्रसार पर खास ध्यान भी दे रही है। यही वजह है कि केंद्रीय हिंदी संस्थान विदेशी छात्रों को हिंदी पढ़ाने के साथ अब विदेश में केंद्र खोलने की तैयारी कर रहा है। श्रीलंका के बाद मास्को और तेहरान ने भी संस्थान को केंद्र खोलने के लिए प्रस्ताव भेजे हैं। विदेशी छात्रों की संख्या भी अगले सत्र से बढ़ा दी जाएगी। संस्थान के दो केंद्र श्रीलंका के कोलंबो और कैंडी में संचालित हैं। यहां हर साल 200- 250 छात्र हिंदी सीखने के लिए प्रवेश लेते हैं। हर साल श्रीलंका से सर्वाधिक छात्र हिंदी सीखने आगरा आते हैं।

चलाए जाएंगे एक्सचेंज प्रोग्राम

संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील बाबू कुलकर्णी ने बताया कि रूस से मास्को और ईरान से तेहरान के लिए प्रस्ताव आया था। कहा गया है कि यहां हिंदी सीखने वालों की संख्या ज्यादा है इसलिए केंद्र खोल दिए जाएं। निदेशक ने बताया कि विदेश मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है। एमओयू होने के बाद दोनों देशों के साथ संस्थान शिक्षक, छात्र, पुस्तकें व संसाधन साझा करेगा। एक्सचेंज प्रोग्राम चलाए जाएंगे। इन केंद्रों पर हिंदी बोलना, लिखना, सामान्य हिंदी, व्याकरण व रोजगारपरक हिंदी सिखाई जाएगी।

तीन माह का पाठ्यक्रम भी चलाने की तैयारी

विदेश में रहने वाले लोगों के लिए तीन माह का पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है। कई ऐसे देश हैं जहां पर भारतीयों की संख्या अधिक है। ऐसे में वहां के बहुत से विभागों में कार्यरत लोग हिंदी सीखने में दिलचस्पी रखते हैं। ऐसे लोगों के लिए तीन माह का आनलाइन कोर्स शुरू करने की तैयारी है।

विदेशी छात्रों के लिए बनेगा हास्टल

अगले सत्र से संस्थान में विदेशी छात्रों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। अब तक 100 विदेशी छात्रों को प्रवेश दिया जाता है, अगले सत्र से 150 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। इन छात्रों के लिए एक नया हास्टल भी तैयार किया जाएगा। इसके अलावा वीआइपी गेस्ट हाउस और वार्डन हाउस भी बनेगा। इनके प्रस्ताव केंद्र को भेज दिए गए हैं। विदेशी छात्रों को संस्थान द्वारा हर महीने खर्चे के लिए छह हजार रुपये दिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर अब नौ हजार रुपये कर दिया गया है।