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किले का रूप भी आएगा निखर कर, दीवान-ए-आम में पहली बार होगा मडपैक Agra News

आगरा किला के पत्‍थरों की सफाई में केमिकल कंजर्वेशन का भी किया जाएगा काम। एएसआइ की रसायन शाखा ने बनाई है योजना।

By Prateek GuptaEdited By: Updated: Wed, 31 Jul 2019 07:41 PM (IST)
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किले का रूप भी आएगा निखर कर, दीवान-ए-आम में पहली बार होगा मडपैक Agra News
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा किले में स्थित दीवान-ए-आम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रसायन शाखा द्वारा मडपैक किया जाएगा। दीवान-ए-आम में भवन के संगमरमर वाले हिस्से को पहली बार मडपैक कर साफ किया जाएगा। इससे पूर्व यहां कभी मडपैक ट्रीटमेंट नहीं किया गया है।

आगरा किले के दीवान-ए-आम में मुगल शहंशाह का दरबार लगता था। इसकी खासियत यह है कि यहां बने 64 खंभों के बावजूद हर कोने से शहंशाह के बैठने के स्थल को देखा जा सकता है। वहीं, शहंशाह भी हर किसी को देख सकता था। जिस स्थल पर शहंशाह बैठता था, उस जगह पर संगमरमर व पच्चीकारी का काम हो रहा है। लंबा समय बीतने के कारण संगमरमर पर पीलापन आ गया है। इसे देखते हुए एएसआइ की रसायन शाखा ने यहां मडपैक ट्रीटमेंट की योजना बनाई गई है। संगमरमर वाले हिस्से पर तो मडपैक किया जाएगा, वहीं रेड स्टोन वाले हिस्से पर केमिकल प्रिजर्वेशन का काम होगा। बारिश के बाद यह काम होगा।

आगरा किले में कुछ जगह हो चुका है मडपैक

एएसआइ की रसायन शाखा आगरा किले में इससे पूर्व मोती मस्जिद, नगीना मस्जिद, मुसम्मन बुर्ज को मडपैक कर साफ कर चुकी है।

क्या है मडपैक ट्रीटमेंट

मडपैक ट्रीटमेंट कुछ और नहीं मुल्तानी मिट्टी (फुलर अर्थ) और रसायनों का मिश्रण है। इससे बने लेप को संगमरमर की सतह पर लगाकर उसे सूखने दिया जाता है। यह लेप स्मारक की दीवार व सतह पर जमी धूल व गंदगी को सोख लेता है। सूखने के बाद उसे डिस्टिल वाटर से धोकर साफ कर दिया जाता है।

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