Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Muharram 2021: मोहर्रम आज, आगरा में दिनभर अकीदममंदों की ओर से रोजा रखकर की जा रही इबादत

Muharram 2021 पाय की चौकी में इस वर्ष नहीं रखा गया है फूलों का ताजिया। शिया इमामबाड़ों में हुईं मजलिसें शुक्रवार को ताजिये होंगे दफन। विद्वानों ने कर्बला की जंग का जिक्र कर हजरत इमाम हुसैन को याद किया।

By Tanu GuptaEdited By: Updated: Fri, 20 Aug 2021 12:57 PM (IST)
Hero Image
सुपुर्द ए खाक होने करबला ले जाए जा रहे तजिये।

आगरा, जागरण संवाददाता। मोहर्रम की नौवीं तारीख पर गुरुवार को शहर में रखे गए ताजियों पर जियारत की गई और फातिहा पढ़ा गया। पाय चौकी में 322 वर्ष पुराना फूलों का ताजिया इस वर्ष नहीं रखा गया है। यहां चौकी रखी गई है, जिस पर जियारत की गई। शुक्रवार को ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक किया जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस वर्ष कम जगहों पर ताजिये रखे गए हैं। मोहर्रम की दसवीं तारीख को निकलने वाले जुलूसों की इजाजत नहीं दी गई है। कुछ जगहों पर मोहर्रम की सातवीं तारीख को ताजिये रखे गए थे, जिन्हें कोविड प्रोटोकाल के तहत दफन किया जाएगा।

पाय चौकी में इस वर्ष फूलों के ताजिये की जगह चौकी रखी गई है। गुरुवार को उसकी जियारत के साथ फातिहा ख्वानी हुई। सुबह से शाम तक जायरीन पहुंचते रहे। ऐतिहासिक फूलों का ताजिया के चौधरी हाजी सरफराज खान ने बताया कि वर्ष 1947 के बाद यह दूसरा अवसर है जब चौकी रखी गई है। वर्ष 1947 में बंटवारे के बाद देश के हालात ठीक नहीं थे, तब पहली बार यहां ताजिया न रखकर चौकी रखी गई थी। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण ताजिया व चौकी नहीं रखी गई थी।अबुल उलाई शेख कमेटी के सूफी बुंदन मियां ने बताया कि बेगम ड्योढ़ी में हजरत इमाम हुसैन का रोजा लगाया गया है। इसकी जियारत को लोग आ रहे हैं। वहीं, शाहगंज, लोहामंडी, गुदड़ी मंसूर खां स्थित शिया इमामबाड़ों में मजलिसों का दौर चला। विद्वानों ने कर्बला की जंग का जिक्र कर हजरत इमाम हुसैन को याद किया।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें