Murder of Businessman: चार दिन में बदमाशों के फुटेज ही देख पाई पुलिस, खड़े हुए सवाल
Murder of Businessman न गैंग के बारे में पता चला और न ही मुखबिरी करने वाले का सुराग। सीसीटीवी फुटेज में हाथरस रोड और एनएच 19 पर दिखे बदमाश।
By Tanu GuptaEdited By: Updated: Sun, 30 Aug 2020 08:14 AM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। पाॅश कॉलोनी कमला नगर में रिक्शा व्यापारी ललित काठपाल की लूट के दौरान हत्या के बाद पुलिस सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग खंगालने में लगी है। चार दिन में पुलिस बदमाशों के आने और वारदात के बाद भागने के फुटेज ही देख पाई है। इसमें बदमाश टेढ़ी बगिया से पीछे आते दिखे और वारदात के बाद हाईवे से भागते हुए दिखे हैं। अभी तक गैंग के बारे में पुलिस को काेई सुराग नहीं मिला है।
कमला नगर के काबेरी कुंज फेस टू में रहने वाले ललित बुधवार शाम को अपने भाई रिंकू को बाइक पर लेकर दुकान से घर आ रहे थे। घर से डेढ़ सौ मीटर पहले बाइक सवार बदमाशों ने रिंकू के हाथ में लगा थैला लूट लिया और ललित की गोली मारकर हत्या कर दी। वारदात के बाद पुलिस बदमाशों के बारे में पता करने में जुटी है। कमला नगर से सुल्तानगंज और वहां से रामबाग तक के फुटेज देखे। यहां से टेढ़ी बगिया तक सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग भी पुलिस ने खंगाली।
बढ़ती जा रही लूट की रकम
मुकदमे में केवल हत्या दिखाई गई थी। दो दिन बाद व्यापारी से पूछताछ के बाद थैले में 10 लाख रुपये होने की जानकारी मिल गई। अब चर्चाएं हैं कि थैले में 40 लाख रुपये थे। मगर, इसकी पुष्टि अभी किसी अधिकारी ने नहीं की है।सीसीटीवी कैमरा सही होता तो वारदात की होती लाइव रिकार्डिंग
गेटबंद कॉलोनी रश्मि नगर में ललित काठपाल की गोली मारकर हत्या और उनके भाई रिंकू के हाथ से थैला लूटा गया था। घटनास्थल के ठीक सामने वाले घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे थे। मगर, यह खराब था। अगर यह सही होता तो वारदात की लाइव रिकार्डिंग मिल जाती। बदमाशों के चेहरे भी पास से साफ नजर आते। उन्हें पहचानने में आसानी होती।
पहले भी लूट में छिपाई गई हैं रकमलूट की वारदात में पहली बार रकम नहीं छिपाई गई। मंटोला में कोरियर कंपनी के कर्मचारी से लूट का मामला भी कुछ इसी तरह था। उसने भी मंटोला थाने में दर्ज कराए मुकदमे में रकम छिपा ली थी। पर्दाफाश के समय पूरा मामला खुल गया। 25 वर्ष पहले एत्माद्दौला क्षेत्र से एक गुटखा कारोबारी के एक करोड़ से अधिक लुटे थे। मगर, मुकदमे में बस दो लाख लिखाए। बदमाशों से 70 लाख बरामद होने पर मामला खुला। अक्सर व्यापारी टैक्स के भय से रकम छिपाते हैं।
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