Naag Panchami 2020: 25 को है नाम पंचमी, जानिए इस दिन किन कामों को करने से झेलने पड़ सकते हैं नुकसान
Naag Panchami 2020 नाग पंचमी का पर्व नागों के साथ जीवों के प्रति सम्मान उनके संवर्धन एवं संरक्षण की प्रेरणा देता है। देवी भागवत में प्रमुख नागों का नित्य स्मरण किया गया है।
आगरा, जागरणा संवाददाता। नाग पंचमी का त्योहार नागों को समर्पित है। यह हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल ये त्योहार 25 जुलाइर् को है। ज्योतिषाचायर् डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार इस दिन व्रत पूर्वक नागों का पूजन-अर्चन होता है। नाग पंचमी का पर्व नागों के साथ जीवों के प्रति सम्मान, उनके संवर्धन एवं संरक्षण की प्रेरणा देता है। देवी भागवत में प्रमुख नागों का नित्य स्मरण किया गया है। हमारे ऋषि-मुनियों ने नागोपासना में अनेक व्रत-पूजन का विधान किया है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी नागों को अत्यन्त आनन्द देने वाली- 'नागानामानन्दकरी' पंचमी तिथि को नाग पूजा में उनको गाय के दूध से स्नान कराने का विधान है।
पूजा विधि एवं मंत्र
नाग पंचमी के दिन अपने घर के द्वार के दोनों ओर गोबर के सर्प बनाकर उनका दही, दूर्वा, कुशा, गंध, अक्षत, पुष्प, मोदक और मालपुआ आदि अर्पित कर पूजा करना चाहिए। ब्राह्मणों को भोजन कराकर एक भुक्त व्रत करने से घर में सर्पों का भय नहीं होता है। नागों को दूध से स्नान और पूजन कर दूध पिलाने से और वासुकीकुण्ड में स्नान करने से भी सर्प भय से मुक्ति मिलती है।अनंत, वासुकि, शेष, पद्मनाभ, कंबल, कर्कोटक, अश्व, धृतराष्ट्र, शंखपाल, कालीय तथा तक्षक इन नागों के नाम हल्दी और चंदन से दिवार पर लिखें। नाग माता कद्रू का नाम भी लिखकर फूल आदि से पूजा कर इस मंत्र से प्रार्थना करें-
अनन्तं वासकिं शेषं पद्मकम्बलमेव च।
तथा कर्कोटकं नागं नागमश्वतरं तथा।।
धृतराष्ट्रंं शंखपालं कालाख्यं तक्षकं तथा।
पिंगलञ्च महानागं प्रणमामि मुहुर्मुरिति।।
भूलकर भी न करें ये काम
− नाग पंचमी के दिन लोहे की कड़ाही में कोई चीज न बनाएं। नैवेद्यार्थ भक्ति द्वारा गेहूं और दूध का पायस बनाकर भुना चना, धान का लावा, भुना हुआ जौ, नागों को दें।
− नागपंचमी के दिन खेतों में हल नहीं चलाना चाहिए। सांप इस दिन बाहर घूमते हैं।
− नागपंचमी के दिन भोजन में साग को काटकर नहीं बनाना चाहिए। सुई -धागे का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।