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राष्ट्रीय लाेक अदालत का आयोजन 10 जुलाई को, 52 हजार मामले चिह्नित

त्वरित सस्ते और सुलभ न्याय का रिकार्ड बनाने की तैयारी में जुटा न्याय प्रशासन। ज्यादा से ज्यादा मुकदमों के निस्तारण के लिए छेड़ रखा है जागरुकता अभियान। शनिवार को होगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन। लोगों को किया जा रहा है जागरूक।

By Nirlosh KumarEdited By: Updated: Thu, 08 Jul 2021 10:02 AM (IST)
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राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को होगा।
आगरा, जागरण संवाददाता। त्वरित, सस्ते और सुलभ न्याय के लिए 10 जुलाई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। अब तक करीब 52 हजार केस चिह्नित किए जा चुके हैं। लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा मुकदमों के निस्तारण का रिकार्ड बनाने की तैयारी में न्याय प्रशासन जुटा है। इसके लिए वह संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रहा है। लोक अदालत में आकर अपने मुकदमों का निस्तारण कराने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न माध्यमों की मदद ले रहा है। इसमें बैनर लगाने से लेकर मानव श्रृंखला तक बनाई जा रही है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मुक्ता त्यागी ने बुधवार को तहसीलदार सदर व बाह के साथ बैठक की। इसमें सभी थानों के पैरोकार, फाइनेंस कंपनियों के अधिकारियों के साथ ही टोरंट पावर के अधिवक्ता शामिल थे। राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए थानों के पैराेकारों को सम्मन तामील कराने के निर्देश दिए। दस जुलाई को दीवानी व तहसील न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा अब तक की गई तैयारियों का जायजा भी लिया। अधिवक्ताओं एवं बार एसोसिएशनों से अपील की गई है कि वह लोगों को दस जुलाई को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जागरूक करें। जिससे कि वह आपसी सुलह-समझौते के आधार पर अपने वादों को निस्तारित करा सकें। अधिक से अधिक संख्या में अपने वादों को नियत कराकर राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित करके उसे सफल बनाएं।

पक्षकार खुद भी कर सकता है पहल

लोक अदालत में दोनों पक्ष आपसी सुलह-समझौते के आधार पर विवाद का निस्तारण कर सकते हैं। इसके लिए पक्षकार व्यक्तिगत स्तर पर भी पहल कर सकता है। लोक अदालत में निस्तारण के लिए किसी प्रकार का शुल्क देय नहीं है।

इन केसों का किया जाएगा निस्तारण

राष्ट्रीय लोक अदालत में लंबित सिविल वाद, आपराधिक वाद, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा, एनआइ एक्ट के अंतर्गत चेक बाउंस, पारिवारिक विवाद, भूमि अधिकरण के मामले, बैंक वसूली, बिजली के बिल, नगरीय निकाय के अंर्तगत जलकर संबंधित प्रीलिटिगेशन आदि प्रकरणों का निराकरण कराया जाएगा।

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