RTI: राष्ट्रीय प्लानिंग पर चल रहा काम लेकिन जनसंख्या नियंत्रण कानून से संबंधित कोई बिल लंबित नहीं
RTI स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दी आरटीआइ में जानकारी। आगरा के आरटीआइ कार्यकर्ता स्नेहाशीष भट्टाचार्य ने मांगी थी सूचना। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने समान नागरिक संहिता के साथ जनसंख्या नियंत्रण कानून को लागू करने की मांग उठाई थी।
By Nirlosh KumarEdited By: Tanu GuptaUpdated: Tue, 11 Oct 2022 12:36 PM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बहस छिड़ी है। सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चुका है। इस बीच सूचना का अधिकार (आरटीआइ) से जानकारी सामने आई है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में जनसंख्या नियंत्रण कानून से संबंधित कोई बिल लंबित नहीं है।
क्या मांगी गई थी जानकारी
अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव दंडी स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया था कि हर वर्ष जनसंख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन संसाधन सीमित हैं और लगातार बढ़ती जनसंख्या का बोझ नहीं सह सकते हैं। तेजी से बढ़ती बेरोजगारी व गरीबी और सीमित खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के मद्देनजर सरकार के पास और कोई रास्ता नहीं है। सितंबर में इस याचिका पर न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति हृषिकेश राय की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट को नोटिस जारी किया था। आगरा के नूरी दरवाजा निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता स्नेहाशीष भट्टाचार्य ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में 28 जुलाई को आरटीआइ में आनलाइन आवेदन कर जनसंख्या नियंत्रण कानून से संबंधित जानकारी मांगी थी। इसकी सूचना उन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 24 अगस्त को उपलब्ध कराई गई।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने अवगत कराया है कि इस समय जनसंख्या नियंत्रण कानून से संबंधित कोई बिल लंबित नहीं है। सरकार वर्ष 2045 तक जनसंख्या को स्थिर करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से परिवार नियोजन की अपूर्ण आवश्यकता को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 के सिंद्धांतों द्वारा निर्देशित राष्ट्रीय प्लानिंग कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने को सरकार के प्रयास सफल रहे हैं। वर्ष 2019-21 में कुल प्रजनन दर घटकर 2.0 रह गई, जो प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है।
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