Agra News: अब यूनिक आईडी से होगी चिकित्सक पैरामेडिकल स्टाफ की पहचान, जानिए क्या है पंजीकरण की प्रक्रिया?
Agra News आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की वेबसाइट (abdm.gov.in) पर हॉस्पिटलों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है। हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री के तहत हॉस्पिटल के पंजीकरण के बाद क्लीनिक पैथोलॉजी लैब डायग्नोस्टिक सेंटर सहित अन्य चिकित्सकीय प्रतिष्ठानों का पंजीकरण किया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Fri, 09 Jun 2023 07:33 AM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। निजी चिकित्सक और पैरामेडिकल की पहचान यूनिक आईडी (पहचान दस्तावेज) से होगी। पहले चरण में हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री में हॉस्पिटल में ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है। 150 हॉस्पिटल का पंजीकरण हो चुका है। दूसरे चरण में हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ का पंजीकरण किया जाएगा। इन्हें यूनिक आईडी दी जाएगी। जिले में 494 हॉस्पिटल पंजीकृत हैं।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की वेबसाइट (abdm.gov.in) पर हॉस्पिटलों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है। हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री के तहत हॉस्पिटल के पंजीकरण के बाद क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर सहित अन्य चिकित्सकीय प्रतिष्ठानों का पंजीकरण किया जाएगा।
इसमें हॉस्पिटल में उपलब्ध सुविधाएं, बेड की क्षमता, चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ का विवरण, विभागों के अनापत्ति प्रमाण पत्र के दस्तावेज अपलोड किए जा रहे हैं। हेल्थ फैसिलिटी के पंजीकरण के बाद सेवा देने वाले चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ का विवरण दर्ज किया जाएगा। शैक्षिक दस्तावेज के साथ ही स्टेट मेडिकल काउंसिल के पंजीकरण का विवरण दर्ज किया जाएगा। इसके आधार पर हर चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की यूनिक आईडी जारी की जाएगी। यूनिक आइडी धारक ही इलाज कर सकेंगे।
झोलाछापों के अवैध हॉस्पिटलों पर लगेगी लगाम
जिले में तमाम झोलाछापों ने चिकित्सकों के दस्तावेज लगाकर हॉस्पिटल खोल दिए हैं। यूनिक आईडी जारी होने के बाद अवैध अस्पतालों पर लगाम लग जाएगी। टीम छापे के दौरान सेवाएं दे रहे डॉक्टर और कर्मचारियों से यूनिक आईडी की जानकारी लेगी। जिसके पास यूनिक आइडी और शैक्षिक दस्तावेज नहीं होंगे, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जिले में चिकित्सकीय प्रतिष्ठान
- पैथोलॉजी लैब
- डायग्नोस्टिक सेंटर
- डायलिसिस सेंटर
- कलेक्शन सेंटर
दो चरणों में होगा पंजीकरण
आगरा के सचिव आईएमए डा. पंकज नगाइच ने कहा कि पहले चरण में हॉस्पिटल का पंजीकरण किया जा रहा है, 150 के पंजीकरण हो चुके हैं। इसके बाद चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की यूनिक आईडी जारी की जाएगी। डा. अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ झोलाछाप क्लीनिक और हॉस्पिटल संचालित कर रहे हैं। मगर, नई प्रक्रिया के बाद चिकित्सक ही चिकित्सकीय सेवाएं दे सकेंगे। इससे मरीजों को फायदा होगा।उन्होंने बताया कि पहले चरण में हास्पिटल के पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। दूसरे चरण में पैरामेडिकल स्टाफ का पंजीकरण होगा।
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