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Agra: पेंटर के बेटे बनेंगे सॉफ्टवेयर इंजीनियर; हल्का खाना खाया ताकि नींद ना आए, पढ़िए सफलता की कहानी

JEE Advanced Update News पेंटर के बेटों ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का सपना देखा था। मेहनत से जेईई एडवांस में पाई सफलता। जिसमें रामबाग में रहने वाले दो पेंटर भाईयों के बेटों ने बेहतर रैंक हासिल की। पिता ने बेटों को इंजीनियरिंग बनाने का सपना एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में मजदूरी के साथ पेंटिंग करते हुए देखा था जो पूरा हुआ है।

By sumit kumar dwivedi Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 12 Jun 2024 02:38 PM (IST)
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पेंटर के बेटे बनेंगे सॉफ्टवेयर इंजीनियर, जेईई एडवांस में पाई सफलता
जागरण संवाददाता, आगरा। हाल ही में जेईई एडवांस के परिणाम घोषित हुए हैं। इसमें ताजनगरी के रामबाग में रहने वाले दो पेंटर भाईयों के बेटों ने बेहतर रैंक हासिल की है। पिता ने बेटों को इंजीनियरिंग बनाने बनाने का सपना एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में मजदूरी के साथ पेंटिंग करते हुए देखा था। दोनों बेटों ने भी कक्षा आठ में इंजीनियर बनने की ठान ली। परिणाम में बड़े भाई शिवम ने 2989 रैंक और अभिषेक ने 2372 रैंक हासिल की है।

मूलरूप से झांसी के नरायन बाग के रहने वाले शिवम और अभिषेक चचेरे भाई हैं। वर्तमान में दोनों रामबाग रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। शिवम ने बताया पिता वीरेंद्र और चाचा राजेंद्र नौकरी की तलाश में वर्ष 2000 में आगरा आए थे। दोनों भाईयों ने आगरा में मजदूरी के साथ पैंटिंग का काम शुरू किया। एक बार बलूनी क्लासेज में पेंट करते हुए पिता को यहां के शिक्षकों ने इंजीनियरिंग के बारे में बताया था। तभी उन्होंने बेटों काे इंजीनियर बनाने का सपना देख लिया था।

इंजीनियर बनने की जानकारी पिता को दी

शिवम ने दसवीं तक की पढ़ाई सेंट एंड्रयूज और अभिषेक ने झांसी के सेंट मार्क स्कूल से दसवीं की पढ़ाई की है। जब शिवम कक्षा आठ में थे, तब पिता ने उन्हें इंजीनियर बनने की जानकारी दी थी। उन्होंने तभी अभिषेक को इंजीनियरिंग बनने की जानकारी दी और दोनों भाईयों ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन पिता का सपना पूरा करने की ठान लिया। 2022 में 11वीं कक्षा में पढ़ाई के साथ फाउंडेशन कोर्स के लिए बलूनी इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया।

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शिवम ने बताया कि सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक स्कूल में पढ़ाई करते थे। फिर घर आकर दो घंटे आराम करने के बाद सेल्फ स्टडी शुरू करते थे। बीच-बीच में 20 से 25 मिनट का गैप लेकर रात दो बजे तक पढ़ाई करते थे। जिसका नतीजा है कि जेईई एडवांस में बड़े भाई शिवम ने 2989 रैंक और अभिषेक ने 2372 रैंक पाकर पिता का सपना पूरा करने के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की ओर अग्रसर हो चले हैं।

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चेस और बैडमिंटन खेलने का है शैक

अभिषेक ने बताया दो भाई जब पढ़ाई से अलग खेलकूद करते थे तब चेस या बैडमिंटन खेलना पसंद करते थे। आमतौर पर पढ़ाई से ही फुर्सत नहीं मिलती थी। जब मन होता था तब चेस या बैडमिंटन खेल कर मन बहला लेते थे।

हल्का खाना जिससे नींद ना आए

शिवम ने बताया स्कूल में दोपहर दो बजे तक पढ़ाई और फिर घर आकर पढ़ाई करनी पड़ती थी। इसके लिए हल्का खाना खाना पसंद करते थे। इसमें रोटी और कम मसाले वाली सब्जी खाना पसंद था। देर तक पढ़ाई करने के लिए हल्का खाना सही रहता है। पेट भी हल्का रहता है और ऊर्जा भरपूर मिलती है।

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