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Paryushan Parv 2020: अभिमान को दूर करता आगरा का ये 31 फुट ऊंचा मान स्तंभ

Paryushan Parv 2020 जैन समाज का तीर्थ शांतिनाथ जैन मंदिर। निरंतर बहती शांति सद्भावना की धारा।

By Tanu GuptaEdited By: Updated: Thu, 27 Aug 2020 01:49 PM (IST)
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Paryushan Parv 2020: अभिमान को दूर करता आगरा का ये 31 फुट ऊंचा मान स्तंभ
आगरा, आदर्श नंदन गुप्त। भगवान महावीर के संदेशों की धर्म ध्वजा फहरा रही है। वचन, प्रवचन, भजन के साथ यहां नियमित आराधना होती है। शांति का संदेश दिया जाता है। जैन मुनियों द्वारा धर्म की धारा प्रवाहित की जाती है।यह है शहर के मध्य हरीपर्वत चौराहा पर स्थित शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, जो दिगंबर जैन समाज का तीर्थ स्थल है। करीब 85 साल पूर्व इसका निर्माण किया गया। मंदिर के मूल नायक भगवान शांतिनाथ हैं, जिनकी भव्य मूर्ति स्थापित है। इनके अलावा भगवान अजितनाथ, भगवान ऋषभनाथ आदि की भी मूर्तियां यहां हैं।मंदिर परिसर में ही 31 फुट ऊंचा मान स्तंभ है, इतना ऊंचा मान स्तंभ आसपास में नगर में नहीं है। यह स्तंभ भी करीब 65 साल पुराना है। मंदिर में ही संत निवास बना हुआ है। यहां जैन शोध संस्थान है।

क्षमा से सहनशीलता बढ़ती है। क्रोध पैदा हो ही जाए तो उसे अपने विवेक व विनम्रता से विफल कर देना चाहिए। अपने भीतर क्रोध का कारण ढूंढ़ कर  क्रोध से होने वाले अनर्थों को सोचना चाहिए। क्षमा के गुणों का चिंतन करना होगा।

-आचार्य मेरूभूषण महाराज  

जैन समाज में क्षमा का विशेष महत्व है। ये पर्व क्षमा से प्रारंभ होकर क्षमा पर ही खत्म होता है। प्रत्येक धर्मावलंबी को क्रोध पर नियंत्रण करना चाहिए। मोह माया से कैसे दूर रहें, इसका प्रयास करना चाहिए।

-आचार्य विनम्र सागर महाराज

इस वर्ष 23 अगस्त से पर्युषण पर्व प्रारंभ हो चुके हैं। सुगंध दशमी 28 अगस्त को व अनंत चतुर्दशी एक सितंबर को मनाई जाएगी। कोरोना काल के कारण शासन, प्रशासन के निर्देशों के अनुसार घरों पर ही पर्व मनाया जाएगा।

अशोक जैन एडवोकेट, अध्यक्ष आगरा दिगंबर जैन परिषद

भगवान महावीर ने जिस अहिंसा का संदेश मानवता को दिया, आज उसकी बहुत जरूरत है। पर्युषण पर्व भी समाज को सहिष्णुता और सद्भाभावना का संदेश देता है। जिसे हर व्यक्ति अपनाना चाहिए।

प्रदीप जैन (पीएनसी),अध्यक्ष दिगंबर जैन शिक्षा समिति, आगरा

पर्युषण पर्व विश्व बंधुत्व की प्रेरणा देता है। भगवान महावीर ने प्रेम, शांति और सद्भावना का जो संदेश दिया, आज के युग में वह सामयिक है। सभी को अपनाना चाहिए।विमलेश कुमार जैन (मारसंस), उपाध्यक्ष

सत्य, अहिंसा, प्रेम और शांति का जो संदेश भगवान महावीर ने दिया था, वह सब इस पर्युषण पर्व में समाहित है। यह पर्व हम सभी को आत्म मंथन की भी प्रेरणा देता है।

मनोज जैन, ट्रस्टी जैन बोर्डिंग हाउस

दादाबाड़ी में दिया था अकबर को अहिंसा का संदेश 

शाहगंज स्थित जैन मंदिर दादाबाड़ी मुगलकालीन इतिहास से जुड़ी है। यहां से आचार्य हीर विजय सूरी ने मुगल बादशाह अकबर को अहिंसा का संदेश दिया था। यहां 450 वर्ष पुराना महावीर स्वामी का तलघर मंदिर, हीरविजय सूरि की प्राचीन चरण पादुका, भैरव देव का मंदिर एवं दादागुरुदेव की प्राचीन छतरी है। 140 वर्ष प्राचीन मूलनायक महावीर स्वामी का मंदिर भी है।

नए मंदिरों में 24 तीर्थंकरों को समर्पित 24 जिनालय प्रमुख है। आचार्य राजेंद्र सूरी के निर्दैशन में दादाबाड़ी का जीर्णोद्धार हुआ है। इसे भव्य बनाने जैन श्वेताम्बर संघ के स्व.किशनचंद चौरड़िया,  स्व. अशोक जैन सी.ए का महत्वपूर्ण योगदान रहा। यहां स्व.बह्मकला जैन की स्मृति में कैवल्य उद्यान भी बनाया गया है। 24 जिनालय बनाने में उत्तमचंद चौरड़िया, महेंद्र जैन, दुष्यंत लोढ़ा का योगदान रहा। 

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