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GPS system: जीपीएस सिस्टम से गश्ती दल बताएगा सर्दी में रेलवे पटरी का हाल, आगरा रेल मंडल ने शुरू की सतर्कता

ठंड में तापमान कम होने के कारण रहती है ट्रैक फ्रैक्चर की आशंका। गश्ती दल को रेलवे की ओर से जीपीएस लगा उपकरण दिया जा रहा है जिससे पटरियों के संबंध में तुरंत और सटीक जानकारी मिल सकेगी। कोहरे को देखते हुए आगरा रेल मंडल ने उठाया कदम।

By Prateek GuptaEdited By: Updated: Mon, 21 Dec 2020 04:03 PM (IST)
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कोहरे के सीजन को देखते हुए रेलवे ने सतर्कता बढ़ा दी है।

आगरा, जागरण संवाददाता। सर्दी के दिनों में रेल प्रशासन के सामने सुरक्षित रेल परिचालन बड़ी चुनौती होती है। कोहरे की वजह से दृश्यता कम होने के साथ इस मौसम में पटरियाें के चटकने की आशंका भी रहती है। पटरियां चटकने के कारण रेल परिचालन बाधित होने के साथ दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। इसको देखते हुए रेल प्रशासन द्वारा सर्दी में रेलवे ट्रैक की निगरानी बढ़ा दी है। गश्ती दल को रेलवे की ओर से जीपीएस लगा उपकरण दिया जा रहा है, जिससे पटरियों के संबंध में तुरंत और सटीक जानकारी मिल सकेगी।

सर्दी में रेलवे ट्रैक की निगरानी के लिए रेलवे प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतनी पड़ती है। तकनीक की मदद के साथ रेलवे पटरियों की निगरानी के लिए ट्रैक मैन, कीमैन, गैंग मैन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रेलवे द्वारा ट्रैक की निगरानी के लिए इनकी ड्यूटी लगाई जाती है। गश्त करने वाले कर्मचारियों को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम आधारित हैंड हेल्ड उपकरण दिया जा रहा है। इस उपकरण के जरिए वो दो स्टेशनों के संपर्क में रहते हैं, जिससे किसी भी आपात स्थिति की सूचना में बिना समय बर्बाद किए सूचना दे सकें। इसके अलावा इससे गश्ती टीम की सटीक लोकेशन भी अधिकारियों को मिलती रहेगी। इससे इसका भी पता चलेगा कि गश्ती टीम ने अपनी ड्यूटी ईमानदारी से की या नहीं। आगरा रेल मंडल के पीआरओ एसके श्रीवास्तव का कहना है कि सर्दी में तापमान कम होने से ट्रैक फ्रैक्चर होने की आशंका रहती है। इसके लिए ट्रैक की निगरानी के लिए पेट्रोलिंग शुरू हो गई है।

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