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Agra News: ताजमहल में महाशिवरात्रि पर दुग्धाभिषेक को याचिका दायर, बताया गया इसे शिव मंदिर तेजोमहालय

याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि राजा परमार्दिदेव द्वारा बनवाए गए शिव मंदिर तेजोमहालय की अत्यधिक मान्यता थी। शाहजहां ने हिंदुओं को पूजा-अर्चना से रोकने और श्रद्धा काे ठेस पहुंचाने के लिए तेजोमहालय को कब्र में बदलने का पूरा प्रयास किया। मंदिर के ऊपर वर्ष 1632 से 1653 में निर्माण किया गया।

By Nirlosh Kumar Edited By: Vivek Shukla Updated: Tue, 05 Mar 2024 10:03 AM (IST)
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याचिका में ताजमहल को बताया शिव मंदिर तेजोमहालय
जागरण संवाददाता, आगरा। ताजमहल में शिवरात्रि पर दुग्धाभिषेक की अनुमति को सिविल जज सीनियर डिवीजन (प्रथम) अनुज कुमार के न्यायालय में सोमवार को वाद दायर किया गया। योगी यूथ ब्रिगेड धर्म रक्षा ट्रस्ट के अध्यक्ष हिरनेर नवादाखेड़ा शमसाबाद के रहने वाले कुंवर अजय तोमर ने वाद दायर करते हुए ताजमहल को राजा परमार्दिदेव द्वारा 12वीं शताब्दी में बनवाया गया शिव मंदिर तेजोमहालय बताया है।

याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि राजा परमार्दिदेव द्वारा बनवाए गए शिव मंदिर तेजोमहालय की अत्यधिक मान्यता थी। शाहजहां ने हिंदुओं को पूजा-अर्चना से रोकने और श्रद्धा काे ठेस पहुंचाने के लिए तेजोमहालय को कब्र में बदलने का पूरा प्रयास किया।

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मंदिर के ऊपर वर्ष 1632 से 1653 में निर्माण किया गया। शाहजहां ने इसे ताजमहल कहते हुए अपनी बेगम मुमताज की कब्र बताया। मुमताज का निधन वर्ष 1631 में ही हो गया था, तब ताजमहल का निर्माण शुरू नहीं हुआ था। इस्लाम में किसी व्यक्ति की कब्र पर पक्की मजार नहीं बन सकती है। ताजमहल में शाहजहां व मुमताज की कब्रों के नीचे तहखाना है, जिसे हमेशा बंद रखा जाता है। तहखाने में शिवलिंग है।

याची कुंवर अजय तोमर ने बताया कि शुक्रवार को होने वाली नमाज की तरह उन्होंने एएसआइ से ताजमहल में आठ मार्च को शिवरात्रि पर चार साथियों समेत दुग्धाभिषेक की अनुमति मांगी थी। अनुमति नहीं दिए जाने पर उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ी है। याची के अधिवक्ता शिवआधार सिंह तोमर और झम्मन रघुवंशी हैं। सोमवार को अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते वाद पर सुनवाई की अगली तिथि नियत नहीं हो सकी।

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