दवा कारोबारी लाया 1 करोड़ की रिश्वत... 3 बैग में भरी रकम भी इंस्पेक्टर का ईमान नहीं डिगा सकी, मशीन से गिने नोट
आगरा में एसटीएफ ने दवा के अवैध सिंडिकेट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक करोड़ रुपये की रिश्वत लेते हुए दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल को गिरफ्तार किया। इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा को रिश्वत का प्रस्ताव मिला था जिसके बाद उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से उसे पकड़ लिया। यह प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी रिश्वत की बरामदगी है जिसमें नोट गिनने के लिए मशीनें मंगवानी पड़ी।
जागरण संवाददाता, आगरा। दवा के अवैध सिंडिकेट को तोड़ने में लगी एसटीएफ ने एक करोड़ के ट्रैप के लिए बड़ी प्लानिंग की थी। एसटीएफ के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा पूर्व में एंटी करप्शन में भी काम कर चुके हैं। एडीशनल एसपी राकेश यादव के नेतृत्व में उन्होंने आपरेशन काे लीड किया।
कारोबारी से सीधे बात कर उसे बुलाया और एक करोड़ की रकम के साथ उसे दबोच लिया।यह प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी रिश्वत की रकम की बरामदगी मानी जा रही है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को बनाई गई अलग-अलग यूनिटों ने अभी तक इतना बड़ा ट्रैप नहीं किया है।
हिमांशु अग्रवाल की ओर से मिला एक करोड़ का ऑफर
कैंट रेलवे स्टेशन पर नकली दवा पकड़े जाने के बाद एसटीएफ और औषधि विभाग की टीमें दवा बाजार में छापामारी कर रही थी। इसी बीच एसटीएफ इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा को दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल की ओर से एक करोड़ की रिश्वत का ऑफर मिला।
एसटीएफ इंस्पेक्टर ने बात जारी रखते हुए एडिशनल एसपी राकेश यादव को जानकारी दे दी। उन्हाेंने एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश को मामले की जानकारी दी। दोपहर 12 बजे से एसटीएफ ने ऑपरेशन ट्रैप शुरू कर दिया। लगातार इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा कारोबारी के संपर्क में रहे।
चार घंटे में रुपये इकट्ठे करके कोतवाली पहुंचा
चार घंटे में एक करोड़ रुपये इकट्ठे करके वह कोतवाली क्षेत्र में वह पहुंच गया। बैगों में पांच-पांच सौ के नोट भरे हुए थे। एसटीएफ इंस्पेक्टर के साथ बस्ती के सहायक आयुक्त औषधि भी कारोबारी से संपर्क में थे। वे भी एसटीएफ टीम के साथ मौके पर ही थे। सिंडिकेट से जुड़े अन्य कारोबारियों के बारे में जानकारी लेने के बाद एसटीएफ ने हिमांशु अग्रवाल को एक करोड़ की रिश्वत के साथ दबोच लिया।
कोतवाली थाने में बैग खाेले तो पुलिस के होश उड़े
कोतवाली थाने में जब बैग खोले गए तो पुलिस के होश उड़ गए। इसके बाद देर रात नोट गिनने को मशीन मंगाई गई। कार्रवाई में एसटीएफ के हेड कांस्टेबल अंकित गुप्ता, प्रशांत चौहान, अमित सिंह, दिनेश गौतम और कांस्टेबल हरपाल शामिल रहे।
इंस्पेक्टर का ईमान नहीं डिगा सका
दवा कारोबारी ने कई लोगों से फोन कराके एसटीएफ के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा को मैनेज करने की कोशिश की थी। उसने सीधे भी वाट्सएप पर बात की थी। इंस्पेक्टर ने ऐसे बात की कि उसे लगा मामला सेट हो गया। अधिकारियों को जानकारी देकर इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने उसे दबोच लिया।
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