UP Police: आगरा पुलिस कमिश्नर जे. रविन्दर गौड़ ने लागू किया ऐसा सिस्टम, कि अब सामान्य सिपाही भी बना 'सुपर कॉप'
Agra Police Commissioner पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड ने बीट प्रणाली लागू कर पुलिस आफिसर को दिए कई अधिकार। थानों से संबंधित ज्यादातर काम थानाध्यक्ष के चहेते पुलिसकर्मी करते थे। अन्य आरक्षियों को जिम्मेदारी नहीं दी जाती थी। इससे वह खुद को महत्वहीन समझते थे। बीट प्रणाली लागू होने से अब थानों पर तैनात सभी आरक्षियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी।
जागरण संवाददाता, आगरा। पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड ने आगरा कमिश्नरेट में बीट प्रणाली लागू कर दी। कमिश्नरेट में 1,683 बीट बनाई गई हैं। सिटी जोन में 616 बीट हैं। पूर्वी और पश्चिमी जोन में 1068 बीट बनाई गई हैं।
आरक्षी अब बीट पुलिस आफिसर (बीपीओ) कहलाएंगे। बीट क्षेत्र की जिम्मेदारी अब बीपीओ के पास होगी। अपनी बीट के सारे सत्यापन और प्रार्थना पत्रों की जांच अब वही करेंगे। किसे पाबंद किया जाए और कौन गुंडा बनना चाहिए, बीपीओ तय करेंगे। बीट क्षेत्र में कोई घटना होने पर जवाबदेही भी बीपीओ की होगी। कोई वारदात होने पर अब सीधे थाना प्रभारी जिम्मेदार नहीं होंगे। थानों में अभी तक परंपरागत व्यवस्था चली आ रही थी।
इन कार्यों की मिली है जिम्मेदारी
- पासपोर्ट, किराएदार, शस्त्र लाइसेंस, चरित्र प्रमाण पत्र आदि सत्यापन करेंगे।
- थाने में बीट क्षेत्र में आने वाले प्रार्थना पत्रों की जांच करेंगे।
- न्यायालय से प्राप्त होने वाले समन, नोटिस आदि तामील कराएंगे।
- विभिन्न अपराधों, गोकशी, जुआ-सट्टा, वेश्यावृत्ति, अवैध शराब की बिक्री, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध दवाओं का विक्रय, अवैध शस्त्र बनाने की फैक्ट्री, अवैध कटान, अवैध खनन व परिवहन, बच्चों की तस्करी आदि की जानकारी कर उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
- बीट क्षेत्र के सभ्रांत व्यक्तियों के संपर्क में रहेंगे।
- व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, धार्मिक स्थलों, जनप्रतिनिधि, पुलिस पेंशनर्स, ग्राम प्रधान, चौकीदार, लेखपाल, पुलिस मित्र आदि के साथ वाट्सएप ग्रुप बनाकर उससे जुड़ेंगे।
- सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे।
- शांति व कानून-व्यवस्था बनाए रखने को 107/116, 151 और 133 की कार्रवाई करेंगे।
- अपने क्षेत्र में सभी अवैध धंधों पर अंकुश लगाएंगे।
- क्षेत्र में कौन-कौन से अवैध धंधे और अपराध होते हैं, इसकी जानकारी रखेंगे। कार्रवाई करेंगे
- अपने क्षेत्र में नियमित रूप से गश्त पर जाएंगे। क्षेत्र में होने वाले जुलूसों, गोष्ठियों के संबंध में बीपीओ के पास जानकारी होनी चाहिए।
पुलिस आयुक्त थाना क्षेत्र की किस बीट में क्या चल रहा है, यह जानने के लिए सीधे बीपीओ से जान सकेंगे। बीपीओ को बीट बुक तैयार रखनी होगी। प्रति सप्ताह एसीपी उसका अवलोकन करेंगे। क्षेत्र में कोई घटना होने पर सीधे बीपीओ से पूछा जाएगा। इसके बाद चौकी और थाना प्रभारी का नंबर आएगा।
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