Prakash Parv 2022: सर्व ईश्वरवाद का संदेश देने वाले Guru Nanak Dev आए थे आगरा, यादें संजोए हैं वो गुरुद्वारे
Prakash Parv 2022 प्रकाशोत्सव आज गुरुद्वारों में हुई सजावट। सुबह से शाम तक गुरुद्वारों में बहेगी गुरवाणी। गुरुद्वारा गुरु के ताल पर की गई आकर्षक सजावट। रात को होगी आतिशबाजी। आगरा ही नहीं बल्कि आसपास से लोग भी आज पहुंचेंगे गुरुद्वारा गुरु के ताल पर।
By Prabhjot KaurEdited By: Prateek GuptaUpdated: Tue, 08 Nov 2022 08:46 AM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। श्री गुरुनानक देव ने दुनिया को सर्व ईश्वरवाद का संदेश दिया, जिससे वह सभी भाव और सत्य फलित होते हैं, जिनके साथ मानव की प्रगति और कल्याण अनिवार्यत: जुड़ा हुआ है। सिख धर्म के पहले गुरु गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व आठ नवंबर को है। गुरु नानक देव के चरण आगरा की धरती पर भी पड़े हैं। यहां उन्होंने गुरुद्वारा लोहामंडी, गुरुद्वारा माईथान पर अल्प प्रवास कर अनुयायियों को आशीष वचन दिए थे।
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गुरुद्वारा गुरुनानक देव, नया बांस, लोहामंडी
दक्षिण की उदासी (यात्रा) के दौरान गुरु नानकदेव जब अंता का बाग में तीन दिन रुके, तो यह गुरुद्वारा भी उसी बाग का हिस्सा था। यहां भी गुरु नानकदेव ने संगतों को दर्शन दिए। इस दौरान यहां स्थित पीलू के पेड़ के नीचे बैठकर उन्होंने ध्यान किया था, उस स्थान पर गुरु चरणाें के निशान मौजूद हैं। गुरु ने यहां एक महिला के बच्चों का आध्यात्मिक ज्ञान से उपचार किया, जिसके चलते यहां का नाम गुरुद्वारा दुख निवारण साहब पड़ा। हर साल यहां होली के अवसर पर पीलू वाले बाबा के नाम पर प्राचीन मेले का आयोजन होता है। यह स्थान कभी अंता का बाग नाम के विशाल बाग का अभिन्न हिस्सा था, जो अब विलुप्त हो चुका है।गुरुद्वारा माईथान
दक्षिण की उदासी (यात्रा) में ग्वालियर से वापसी के दौरान गुरुनानक देव आगरा आए थे। तब गुरुद्वारे के स्थान पर जस्सी नाम की महिला रहती थीं, जो भगवान श्रीकृष्ण को अपना पति मानकर उनकी मूर्ति की आराधना करती थीं। गुरुनानक देव के दर्शन कर उस महिला ने परमार्थ का रास्ता पूछा, तो गुरुनानक ने उनके प्रति उपदेश दिया। गुरु उपदेश प्राप्त कर उन्होंने उसे प्रचारित करना शुरू किया। तभी से उन्हें लोग माता जस्सी कहकर पुकारने लगे और उनका घर सिख धर्म का केंद्र बना।
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