President of India Visit in Vrindavan: वृंदावन आएंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, मिलेंगे कृष्ण कुटीर में माताओं से
President of India Visit in Vrindavan कृष्णाकुटीर पर प्रशासन ने हेलीपैड के लिए चिन्हित की भूमि। ठा. बांकेबिहारी के दर्शन को भी आएंगे रामनाथ कोविन्द। राष्ट्रपति के दौरे को लेकर मथुरा जिला प्रशासन के अफसरों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
आगरा, जागरण टीम। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में इन दिनों देश के धार्मिक स्थलों के दौरे पर हैं। महीने के अंत में राष्ट्रपति कोविन्द के वृंदावन आने का कार्यक्रम भी लगभग तय माना जा रहा है। राष्ट्रपति भवन से मिली सूचनाओं के आधार पर जिला प्रशासन भी तैयारियों में जुट गया है। उम्मीद लगाई जा रही है, कि राष्ट्रपति कोविन्द वृंदावन दौरे पर कृष्णाकुटीर महिला आश्रय सदन में रह रही माताओं से मुलाकात करने के साथ ठा. बांकेबिहारी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
राष्ट्रपति के दौरे को लेकर जिला प्रशासन के अफसरों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। समीपवर्ती गांव नगला रामताल स्थित कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन में शनिवार को सीडीओ नितिन गौड़, नगर मजिस्ट्रेट जवाहरलाल श्रीवास्तव, सीओ सदर प्रवीण मलिक ने सदन का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने सदन के सुंदरीकरण, साफ-सफाई और व्यवस्थाओं को जल्द पुख्ता करने के निर्देश दिए। उम्मीद लगाई जा रही है कोविन्द इस महीने के अंत मे वृंदावन भी आ सकते हैं। राष्ट्रपति भवन से मिली सूचना के आधार पर जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू करने के साथ राष्ट्रपति के संभावित कार्यक्रम स्थल कृष्णा कुटीर के समीप पांच हेलीपैड बनाने के लिए भूमि चिन्हित भी कर ली है। जहां तीन हेलीपैड राष्ट्रपति के हेलीकाप्टर के लिए व दो हेलीकाप्टर मुख्यमंत्री व राज्यपाल के लिए तैयार किये जाएंगे। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी अभी तक आगमन की सूचना की पुष्टि नही कर रहे है। लेकिन, तैयारियों को देखते हुए राष्ट्रपति के दौरे की बात पुष्ट हो रही है।
कृष्णा कुटीर में रह रही माताओं के बारे में जानकारी ली गई है। उनके आधारकार्ड, अंत्योदय कार्ड की जानकारी ली है। मेडिकल चेकअप के बारे में जानकारी ली गई है, वृद्धावस्था पेंशन की स्थिति की जानकारी ली है। इमारत की स्थिति की जानकारी ली तो उसमें सुधार की जरूरत है, नई टाइलें लगाने, विद्युत विभाग के कार्यों में सुधार करने के निर्देश अधीनस्थों को दिए गए हैं। ताकि यहां रह रहीं माताओं को दिक्कत का सामना न करना पड़े। -नितिन गौड़, सीडीओ।