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Agra University: कुलपति का पद संभालते ही बोलीं प्रो आशू रानी, महिला हूं इसलिए गंदगी थोड़ी जल्दी नजर आती है

Agra University प्रो आशू रानी ने संभाला आंबेडकर विवि के नये कुलपति का पदभार। बोलीं छोटे-छोटे बदलाव भी करूंगी। शोध और नवाचार को अनुभव और युवा शक्ति के मेल से बढ़ावा देंगे। महिलाओं को आगे लाया जाएगा। प्रो विनय पाठक को दी गयी विदाइ।

By Prabhjot KaurEdited By: Tanu GuptaPublished: Sat, 01 Oct 2022 04:18 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 04:18 PM (IST)
डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर आशु रानी ने लिया चार्ज। फोटो जागरण

आगरा, जागरण संवाददाता। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की नवागत कुलपति प्रो. आशु रानी ने शनिवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया। निवर्तमान कुलपति प्रो. विनय पाठक ने उन्हें पदभार ग्रहण कराया। इसके बाद दोनों ने के.एम. इंस्टीट्यूट में कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी जी और समाज विज्ञान संस्थान में गांधी जी की प्रतिमा के साथ विश्वविद्यालय पार्क स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। वहां से वह जुबली हाल पहुंचीं और विश्वविद्यालय के अधिकारियों, शिक्षक व कर्मचारियों के साथ बैठक की।

आंबेडकर विवि को सहेजा हम सबकी जिम्मेदारी

नवागत कुलपति का कहना था कि डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्याल का इतिहास स्वर्णिम है। मैं जिस कोटा विश्वविद्यालय से आयी हूं, वह भी पहले यहीं का हिस्सा था। हमने ताज को सहेजा है, तो 100 साल पूरे करने जा रहे विश्वविद्यालय को सहेजना भी हमारी जिम्मेदारी है। हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और अपना घर समझ कर इसके सहेजना और यहां की बुराइयों की सफाई कर चीजें व्यवस्थित करनी होगी।

आंबेडकर विवि की खबरों पर रहती है नजर

प्रो आशू रानी बोलीं कि विश्वविद्यालय मेरे लिए नया नहीं हैं, मैंने नियुक्ति से तीन महीने पहले की न्यूज पेपर की खबरों का अध्ययन कर काफी जानकारी जुटाई हैं। कुछ बुराई हैं, लेकिन यहां तमाम अच्छाईयां भी हैं, जिन पर हमें ध्यान देना है। मैं विश्वास दिलाना चाहती हूं कि हमारा विश्वविद्यालय नए निजी विश्वविद्यालयों से बेहतर होगा क्योंकि यह नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए सबसे मुफीद है। यहां संगीत, साहित्य, कला और विज्ञान, सबकुछ भरपूर मात्रा में हैं, जरूरत सिर्फ उसे व्यवस्थित करने की है, एक साथ मिलकर काम करेंगे। पुराने कुलपति ने जो नवाचार शुरू किए हैं, उनसे मार्गदर्शन लेकर उन्हें अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। हो सकता से परिणाम में थोड़ा समय लगे, लेकिन वह सुखद होंगे। विश्वविद्याय की बेहतरी के लिए मैं 24 घंटे उपलब्ध हूं।

महिला हूं इसलिए गंदगी थोड़ी जल्दी समझ आती हैं और छोटे-छोटे बदलाव भी करूंगी। शोध और नवाचार को अनुभव और युवा शक्ति के मेल से बढ़ावा देंगे। महिलाओं को आगे लाया जाएगा।

कार्यक्रम में निर्वतमान कुलपति प्रो. विनय पाठक को विदाई दी गई। उन्होंने अपने नौ महीने के कार्यकाल के दौरान भरपूर सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद दिया। स्वगात कुलसचिव डा. विनोद कुमार और परीक्षा नियंत्रक डा. ओमप्रकाश ने किया। संचालन डीन अकेडमिक प्रो. संजीव कुमार ने किया। प्रो. सुगम आनंद, प्रो. संजय चौधरी, प्रो. यूसी शर्मा, प्रो. यू.एन. शुक्ला, प्रो. अरशद, प्रो. संतोष बिहारी, प्रो. बिंदू शेखर शर्मा, प्रो. ब्रजेश रावत, प्रो. मनु प्रताप सिंह, प्रो. ब्रजेश रावत, प्रो. विनीता सिंह, प्रो. अचला गक्खर, प्रो. अनिल गुप्, प्रो. बीके सारस्वत आदि मौजूद रहे।


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