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Radha Ashtami 2022 Today: बृषभानु नन्दनी के जन्मोत्सव पर झूमा बरसाना, ब्रह्ममुहूर्त में हुआ महाभिषेक

Radha Ashtami 2022 Today प्रातःकाल में लाड़ली जी के दिव्य विग्रह का पंचामृत के साथ महाभिषेक हुआ। नन्दगांव व बरसाना के गोस्वामियों ने किया मन्दिर परिसर में जन्म के बधाई पदों का गुणगान। दोपहर में देंगी सफेद छतरी में दर्शन।

By Tanu GuptaEdited By: Updated: Sun, 04 Sep 2022 08:04 AM (IST)
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आज तड़के राधा रानी के जन्मोत्सव में जगमग बरसाना स्थित लाडली जी का मंदिर।

आगरा, जागरण टीम। प्रगट भई बृषभानु गोप कें श्रीराधा अवतार, गृह-गृह तैं सब चलीं बेग दै गावत मंगलचार। प्रगट भई त्रिभुवन की शोभा रूप रासि सुखसार, निरतत, गावत, करत बधाई,भीर भई अति द्वार आदि के पदो से बृषभानु भवन लाड़ली जी के जन्मोत्सव पर गूंज उठा। भाद्रसुदी की अष्टमी को विश्व विख्यात लाड़ली जी मन्दिर में प्रातः साढ़े चार बजे संसार की काल्याणकारी शक्ति स्वरूपा भगवान श्रीकृष्ण की आह्लादिनी शक्ति राधारानी का जन्मोत्सव मनाया गया। वहीं मन्दिर सेवायतों द्वारा प्रातःकाल में लाड़ली जी के दिव्य विग्रह का पंचामृत के साथ महाभिषेक कराया गया। लाड़ली जी के जन्मोत्सव पर नन्दगांव व बरसाना के गोस्वामियों द्वारा मन्दिर परिसर में जन्म के बधाई पदो का गुणगान किया गया।

लाड़ली जी के मंदिर पर उमड़ा जनसैलाब का विहंगम दृश्य। शनिवार रात से रविवार भाेर तक ये सैलाब यूं ही चलता रहा। दोपहर तक भक्तों की भीड़ और बढ़ेगी। 

ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित लाड़ली जी का महल दूधिया रोशनी से जगमगा रहा था। पूरे ब्रज मंडल में राधारानी के जन्मोत्सव की धूम मची है। शनिवार की रात्रि करीब दो बजे गोस्वामी समाज के लोगो ने मंदिर में प्रवेश किया तथा लाडली जी के अवतरित होने से पूर्व उनके जन्म की बधाई गायन किया। यह बधाई गायन सुबह करीब चार बजे तक चला, वही मन्दिर के सेवायत रात्रि दो बजे लाड़ली जी के गर्भग्रह में प्रवेश कर गए। जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बृषभानु नंदनी के मूल शान्ति का पाठ कराया।

राधारानी के जन्म के बाद एक दूसरे को बधाई देते नन्दगांव और बरसाना के लोग।

बृषभानु दुलारी की मूल शान्ति सुबह करीब चार बजे तक चली। रविवार की सुबह साढ़े चार बजे लाड़ली जी मन्दिर में स्थित जगमोहन में राधा रानी के दिव्य विग्रह को अभिषेक के लिए लाया गया। मन्दिर के सेवायतो द्वारा दूध, दही, शहद, घी, बूरा, केसर, गुलाब जल, घोघृत, पंचरतन, नवरतन आदि का पंचामृत बना कर अभिषेक किया गया। बृषभानु नन्दनी के अभिषेक के दौरान मन्दिर परिसर घण्टा घड़ियाल वाद्ययंत्र से गुंजायमान हुआ। 

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