यमुना पर रेलवे पुल का रास्ता साफ, पैद पथ भी होना चाहिए तैयार
हाथीघाट पुल के बराबर से बनेगा आगरा फोर्ट से यमुना ब्रिज जुड़ेगा रेलवे को मिल गई एनओसी डबल लाइन होने से मिलेगा फायदा
आगरा,जागरण संवाददाता। यमुना पर हाथीघाट रेलवे पुल के बराबर में नए रेलवे पुल का रास्ता साफ हो गया है। पुल के निर्माण को एनओसी दे दी गई है। यह पुल आगरा फोर्ट स्टेशन से यमुना ब्रिज स्टेशन को जोड़ेगा। डबल लाइन होने से रेलवे को फायदा होगा।
यमुना पर हाथीघाट स्थित रेलवे पुल के बराबर में रेलवे का नया पुल बनाया जाना है। इसके लिए आगरा फोर्ट स्टेशन से हाथीघाट की तरफ रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। यहां यमुना पर आगरा किला से करीब 110 मीटर की दूरी पर रेलवे को यमुना में पिलर बनाकर पुल बनाना है। इसके लिए बजट भी जारी हो चुका है। पुल के निर्माण को प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 2010 के अनुसार सक्षम अधिकारी की अनुमति की आवश्यकता थी। अधिनियम के अनुसार स्मारक की 100 मीटर की परिधि में किसी भी तरह का निर्माण व उत्खनन प्रतिबंधित है। जबकि इस परिधि के बाहर 200 मीटर के दायरे में सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त कर काम कराया जा सकता है। आगरा में अनुमति देने के लिए कमिश्नर को सक्षम अधिकारी बनाया गया है। एएसआइ की कोई आपत्ति नहीं होने से पुल के निर्माण को रेलवे को एनओसी मिल गई है।
अभी तक आगरा फोर्ट से यमुना ब्रिज स्टेशन तक सिंगल लाइन का पुल है। इससे ट्रेनों की गति प्रभावित होती है। दूसरा पुल बनने के बाद डबल लाइन होने से ट्रेनों की गति बढ़ेगी। इससे यमुना ब्रिज, छलेसर, एत्मादपुर होते हुए टूंडला से शुरू होने वाले फ्रेट कॉरिडोर से फोर्ट स्टेशन जुड़ जाएगा। फ्रेट कॉरिडोर पर केवल मालगाड़ियां दौड़ेंगी। अब तक जो मालगाड़ियां 60 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं, वे फ्रेट कॉरिडोर पर 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। उनकी भारवाहक क्षमता को भी बढ़ाया जा सकेगा। इससे यहां के व्यापारी अपना सामान कम समय में गंतव्य स्थलों तक भेज सकेंगे।