Janakpuri Agra: 28 सितम्बर को निकलेगी ऐतिहासिक राम बरात; 17 से शुरू होगा श्रीरामलीला महोत्सव, नोट कीजिए कार्यक्रम
उत्तर भारत का पारंपरिक श्रीरामलीला महोत्सव इस वर्ष भव्य और दिव्य होगा। 17 सितंबर से 16 अक्टूबर तक चलने वाले इस महोत्सव में श्रीराम की भव्य बरात जनकपुरी महोत्सव विजय दशमी पर्व रावण दहन और श्रीरामचंद्र जी का राज्याभिषेक समारोह जैसे कई कार्यक्रम होंगे। इस वर्ष महोत्सव में विजय दशमी पर्व पर दशानंद का पुतला विशेष होगा और आतिशबाजी नई तकनीक के साथ लेजर के माध्यम से गगनचुंभी होंगी।
जागरण संवाददाता, आगरा। उत्तर भारत का पारंपरिक श्रीरामलीला महोत्सव इस वर्ष भव्य और दिव्य होगा। महोत्सव का श्रीगणेश 17 सितंबर अनंत चतुर्दशी को स्वरूपों के मुकुट और भगवान गणेश के पूजन संग होगा। महोत्सव का समापन 16 अक्टूबर को होगा।
28 सितंबर को प्रभु श्रीराम की भव्य बरात निकाली जाएगी, जिसमें करीब 100 झांकियां विभिन्न सामाजिक सरोकारों का संदेश देंगी। 29 सितंबर से एक अक्टूबर तक शाहगंज क्षेत्र में जनकपुरी महोत्सव का भव्य आयोजन होगा। रविवार को रामलीला मैदान स्थित श्रीराम-हनुमान मंदिर पर समिति पदाधिकारियों ने महोत्सव के दैनिक कार्यक्रमों की पुस्तक का विमोचन किया।
श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने बताया 17 सितंबर को रावतपाड़ा के श्रीमन:कामेश्वर महादेव मंदिर स्थित लाला चन्नोमल की बारहद्वारी में भगवान गणेश के साथ सभी स्वरूपों के मुकुटों के पूजन संग श्रीरामलीला महोत्सव प्रारंभ हो जाएगा। 21 सितंबर से रामलीला मैदान में मंचीय लीलाएं प्रारंभ हो जाएंगी। 23 सितंबर को भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव होगा, वहीं 24 सितंबर को माता सीता धरा से अवतरिकत होंगी।
28 सितंबर को प्रभु श्रीराम की भव्य बरात, 29 और 30 सितंबर को जनकपुरी में श्रीराम-माता सीता का विवाह व एक अक्टूबर को उनकी जनकपुरी से भव्य विदाई होगी। 12 अक्टूबर को विजय दशमी पर्व पर रावण के पुतले का दहन होगा। 15 अक्टूबर को प्रभु श्रीरामचंद्र का राज्याभिषेक समारोह व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 16 अक्टूबर को श्रीरामचरित मास परायण और हवन-यज्ञ व स्वरूपों की विदाई होगी।
भव्य होगा विजयदशमी पर्व
रामलीला समिति महामंत्री राजीव अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष महोत्सव में विजय दशमी पर्व पर दशानंद का पुतला विशेष होगा। आतिशबाजी नई तकनीक के साथ लेजर के माध्यम से गगनचुंभी होंगी। रावण का पुतला अट्हास करता, आंखे चमकाता हुआ नई तरह का होगा। महोत्सव में नगरवासियों, विशेषकर बच्चों को आकर्षित करने के लिए कुछ नए प्रयास भी किए जा रहे हैं।वेबसाइट से होगा प्रसारण
रामलीला मैदान में महोत्सव के दौरान 10 दिन तक माता वैष्णो देवी की गुफा सजाई जा सकती है, हालांकि इस पर फिलहाल विचार और चर्चा के साथ सभी संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। साथ ही अधिक से अधिक लोह रामलीला महोत्सव से जुड़ सकें, इसलिए सभी लीलाओं का सीधा प्रसारण इस वर्ष इंटरनेट मीडिया के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए रामलीला कमेटी वेबसाइट www.ramleelamahotsav.com तैयार करा रहा है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।पुस्तक में समाहित है श्रीराममंदिरों की जानकारी
रामलीला कमेटी द्वारा जारी कई गई दैनिक कार्यक्रमों की पुस्तकों में इस बार नया प्रयास किया गया। इसमें शहर में स्थित भगवान श्रीराम के 21 मंदिरों की जानकारी चित्र सहित प्रकाशित की गई है। इस जानकारी को वरिष्ठ पत्रकार आदर्श नंदन गुप्त ने एकत्रित, समाहित कर प्रकाशित कराया है। उन्होंने बताया कि जानकारी जुटाना कठिन था, लेकिन लोगों से प्राप्त कर पुस्तक में रामलीला मैदान, बाह, हींग की मंडी, दरेसी, रावतपाड़ा, कचहरी घाट, बिजलीघर चौराहा, बेलनगंज यमुना किनारा, न्यू विजय नगर कालोनी, वजीरपुरा, नामनेर, जटपुरा, डिफेंस कालोनी, नौलक्खा, अयोध्या कुंज, कमला नगर, गोकुलपुरा, जयपुर हाउस, सीताराम कालोनी, फेज टू बल्केश्वर, छपैटी राजामंडी स्थित श्रीराम मंदिर की जानकारी प्रकाशित की गई है।नए सिरे से बन रहा है चांदी का रथ
श्रीरामलीला कमेटी के पास 50 वर्ष प्राचीन एक चांदी का रथ भी है, जिस पर प्रभु श्रीराम नगर भ्रमण पर निकलते हैं। इस बेहद प्राचीन रथ में लगी लकड़ियां समय की मार के कारण जर्जर हो गई हैं, ऐसे में रामलीला कमेटी पूरे रथ का नए सिरे से निर्माण करा रही है। कमेटी महामंत्री राजीव अग्रवाल ने बताया कि दीनदयाल अग्रवाल एंड संस से चांदी के रथ को नए सिरे से तैयार कराया जा रहा है। उम्मीद है कार्य 20 सितंबर तक पूरा हो जाएगा। इस पर चांदी के ऊपर स्वर्ण चमक की पालिश कराई जाएगी, जिसके बाद रथ नई आभा बिखेरेगा और महोत्सव की शोभा बढ़ाएगा।यह है कार्यक्रम
- 17 सितंबर- श्रीगणेश व मुकुट पूजन, श्रीरामचरित मानस पाठ प्रारंभ
- 18 सितंबर- श्रीमन:कामेश्वर महादेव की मुकुट की सवारी
- 19 सितंबर- गणेश जी का नगर-परिभ्रमण
- 20 सितंबर- रावण की दुहाई नगर-परिभ्रमण
- 21 सितंबर- नारद मोह, विश्व मोहिनी लीला से मंचीय लीलाओं का शुभारंभ
- 22 सितंबर- आकाशवाणी लीला
- 23 सितंबर- श्रीराम जन्मोत्सव
- 24 सितंबर- सीता जन्म, विश्वामित्र का राम-लक्ष्मण को मांगना, ताड़का वध
- 25 सितंबर- अहिल्या उद्धार एवं पुष्प वाटिका लीला
- 26 सितंबर- धनुष-यज्ञ एवं परशुराम संवाद
- 27 सितंबर- जनकपुरी से निमंत्रण
- 28 सितंबर- श्रीरामचंद्र जी की वरयात्रा
- 29 व 30 सितंबर- तुलसी-सालिगराम विवाह एवं बढ़हार
- एक अक्टूबर- जनकपुरी से विदा
- दो अक्टूबर- कोप भवन लीला, श्रीराम वनवास व केवट संवाद
- तीन अक्टूबर- भरत मिलाप व जयंत का काग रूप
- चार अक्टूबर- सूर्पनखा के नाक-कान काटना, खर-दूषण वध
- पांच अक्टूबर- सीता हरण, जटायू मिलन, कबंध राक्षस वध
- छह अक्टूबर- शबरी को नवधा भक्ति का उपदेश, श्रीराम-हनुमान मिलन
- सात अक्टबर- वर्षा वर्णन, लंका दहन
- आठ अक्टूबर- विभीषण शरण गति व सेतु बांधना, अंगद-रावण संवाद
- नौ अक्टूबर- लक्ष्मण शक्ति लीला
- 10 अक्टूबर- कुंभकरण वध
- 11 अक्टूबर- मेघनाग वध
- 12 अक्टूबर- रावण वध (विजयदशमी)
- 13 अक्टूबर- विभीषण का राज्याभिषेक व भरत-मिलाप लीला
- 15 अक्टूबर- श्रीरामचंद्र जी का राज्याभिषेक समारोह व सांस्कृतिक कार्यक्रम
- 16 अक्टूबर- श्रीरामचरित मानस मास परायण, हवन यज्ञ पूर्णाहूति, स्वरूपों की विदाई