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Ram Leela Agra: सिया ने लगाई श्रीराम के नाम की हल्दी, जनकपुरी में नहीं लगेंगे झूले, प्रशासन ने नहीं दी अनुमति

Ramleela In Agra राजा जनक और राजा दशरथ के यहां हुईं देहरी पूजन और हल्दी की रस्में। राजा जनक के यहां लिखी गई लगुन राजा दशरथ के यहां पहनाया गया भात। प्रभु श्रीराम के काज में अनुमति न मिलने से आक्रोश। बुधवार से शुरू हो जाएगा जनकपुरी महोत्सव।

By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 10:08 PM (IST)
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Ramleela In Agra: आगरा की रामलीला का मंचन रामलीला मैदान में होगा।
आगरा, निर्लोष कुमार। उत्तर भारत मे प्रसिद्ध आगरा की रामलीला में मांगलिक रस्मों की शुरुआत सोमवार से हो गई। राजा जनक के यहां लगुन चढ़ाई गई। राजा दशरथ के यहां भात पहनाया गया। सिया ने श्रीराम के नाम की हल्दी लगाई।

देहरी पूजन के बाद चढ़ाई गई लगुन

आगरा की रामलीला में आज शाम धनुष यज्ञ की लीला का मंचन रामलीला मैदान में होगा। लीला से पूर्व सुबह राजा जनक बने आलोक अग्रवाल के बसंत विहार कमला नगर स्थित निवास पर जानकी जी के स्वरूप पहुंचे। यहां विधि-विधानपूर्वक देहरी पूजन किया गया। इसके बाद लगुन चढ़ाई गई।

सीता जी के स्वरूप के हल्दी लगाई गई। रानी सुनयना बनीं आरती अग्रवाल ने राजा जनक बने आलोक अग्रवाल के साथ सभी रस्में निभाईं। महिलाओं ने मंगल गीत गाए। इसके बाद राजा जनक के यहां से राजा दशरथ बने संजय मित्तल के यहां पाती भेजी गई।

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श्रीराम के स्वरूप को लगाई हल्दी

राजा दशरथ बने संजय मित्तल के कमला नगर के सी ब्लॉक स्थित निवास पर सुबह से ही मेहमानों का आना शुरू हो गया था। यहां देहरी पूजन किया गया। एक बालक को श्रीराम का स्वरूप बनाकर हल्दी की रस्म निभाई गई। भगवान श्रीराम की मूर्ति व शबाना खंडेलवाल और रानी कौशल्या सपना मित्तल की गोद में बैठे श्रीराम के स्वरूप के हल्दी लगाई गई। कौशल्या बनीं सपना मित्तल समेत अन्य स्वजनों को भात पहनाया गया। मंगल गीत गूंजते रहे।

जनकपुरी में नहीं लगेंगे झूले, प्रशासन ने नहीं दी अनुमति

आगरा के दयालबाग में सज रही जनकपुरी में बच्चों और महिलाओं के लिए बड़ा आकर्षण रहने वाले झूले नहीं लगेंगे। जनकपुरी महोत्सव बुधवार से शुरू होना है, लेकिन प्रशासन ने झूलों के लिए अनुमति प्रदान नहीं की है। प्रभु श्रीराम के काज में प्रशासन द्वारा अड़ंगा लगाए जाने से महोत्सव समिति व क्षेत्रीय लोगों में काफी आक्रोश है।

जनकपुरी महोत्सव की शुरुआत बुधवार को सीताजी के डोले के साथ होगी।

गुरुवार काे राम बरात क्षेत्र में पहुंचेगी। विवाह की रस्में होंगी। गुरुवार शाम और शुक्रवार शाम जनक महल पर बने मंच पर विराजमान स्वरूपों के दर्शन को हजारों श्रद्धालु उमड़ेंगे। मेलों में सजाई जाने वाली झांकियां और झूले आकर्षण का केंद्र होते हैं। जनकपुरी महोत्सव में झूले लगाने को प्रशासन से कई दिन पूर्व अनुमति मांगी गई थी। प्रशासन द्वारा अनुमति देने में निरंतर आनाकानी की जा रही थी, जिससे यहां झूले नहीं लग सके हैं।

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सोमवार को महोत्सव समिति के पदाधिकारियों ने एडीएम फाइनेंस यशवर्धन श्रीवास्तव से मुलाकात की। उन्होंने झूले लगाने के लिए अनुमति देने से इन्कार कर दिया। इससे महोत्सव समिति के पदाधिकारियों व क्षेत्रीय लोगों में अाक्रोश व्याप्त है। पूर्व में जिस क्षेत्र में जनकपुरी सजी है, वहां झूले लगते रहे हैं।

सावन के मेलों में लगे थे झूले

सावन के चारों सोमवार को शहर में कैलाश, बल्केश्वर, राजेश्वर और पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर पर आयोजित मेलों में झूले लगे थे। तब प्रशासन ने कोई आनाकानी नहीं की थी।

प्रशासन ने जनकपुरी में झूले लगाने को अनुमति प्रदान नहीं की है। सोमवार को उन्होंने एडीएम फाइनेंस से मुलाकात की थी, लेकिन उन्होंने स्पष्ट इन्कार कर दिया। श्रीराम के काज में प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है।

-भरत शर्मा, संयोजक जनकपुरी महोत्सव समिति

मैं छुट्टी पर हूं। एक जरूरी बैठक में शहर से बाहर जा रहा हूं। मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। -यशवर्धन श्रीवास्तव, एडीएम फाइनेंस 

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