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रामायण के ये 15 मंत्र करते हैं हर काम सिद्ध, जानिए जाप का तरीका

धर्म विज्ञान शाेध संस्थान के संस्थापक डॉ जे जोशी ने अपने शाेध में चुने रामायण के 15 मंत्र। अवसादग्रस्त लोगों के लिए रामबाण इलाज है राम नाम। राम नाम के विज्ञान पर आधारित है डॉ जे जोशी की पुस्तक राम नाम का वैज्ञानिक महत्व।

By Tanu GuptaEdited By: Updated: Sun, 09 Jan 2022 06:05 PM (IST)
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रामायण में छुपा है जीवन की हर समस्या का समाधान।
आगरा, तनु गुप्ता। यूं तो राम नाम अपने आपमें कल्याण कारक मंत्र है। सिर्फ एक राम नाम से जीवन की तमाम व्याधियों को दूर किया जा सकता है। वहीं सम्पूर्ण रामायण में एेसे तमाम मंत्र हैं जो जीवन की हर परेशानी का हल हैं। धर्म विज्ञान शाेध संस्थान के संस्थापक डॉ जे जोशी द्वारा शोध में एेसे 15 मंत्रों चुना गया जो मानव जीवन की विभिन्न परेशानियों का हल साबित हुए। बस एकाग्रता और विधि के अनुसार उन्हें जपने की आवश्यकता है। डा जे जोशी के शाेध के अनुसार मंत्र विभिन्न प्रकार की आवृत्तियों की विज्ञानमयी रचना हैं। मंत्रों की रचना निश्चित क्रम और परम्परा के वैज्ञानिक आधार पर की गई है। परंतु “राम” नाम जप एक ऐसी सरल और फलदायी विधि है जिसे किसी भी स्थान पर किसी भी अवस्था में जपा जा सकता है। राम नाम का महत्व बताने के लिए डॉ जे जोशी ने राम नाम का वैज्ञानिक महत्व नाम से पुस्तक भी लिखी है।

1- समस्त कल्याण के लिए−

संकल्प− राम नाम जप

समय− दिन रात कभी भी

2- आराधना के लिए

सीता अनुज समेत प्रभु, नील जलद तनुश्याम।

मय हिय बसहु निरन्तर, सगुन रूप श्री राम।।

3- सुयश प्राप्ति के लिए

नाम कामतरु काल कराला।

सुमिरत समन सकल जग जाला।।

राम नाम कलि अभिमत दाता।

हित परलोक लोक पितु माता।।

जप संख्या एक माला सवा माह तक।

विधि− दीपक लगाकर कुशासन पर बैठकर।

4- चिंता हरण के लिए−

राम चरित चिंतामनि चारु।

संत सुमति तिय सुभग सिंगारु।।

जग मंगल गुनग्राम राम के।

दानि मुकुति धन धरम धाम के।।

जप संख्या 24000

5- संतान प्राप्ति के लिए−

बंदउ बाल रूप सोइरामू। सब सिधि सुलभ जपत जिसे नामू।।

मंगल भवन अंमंगलहारी। द्रवहु सु दशरथ अजिर बिहारी।।

6- सफल भक्ति के लिए−

विनती प्रभुभाेरी मैं मति भाेरी नाथन मागउं बर आना।

पद कमल परागा रस अनुरागा मम मन मधुप करैं पाना।।

जप संख्या−

सवा लाख

7- कार्य सिद्धि के लिए

मंत्र परम लघु जासु बस विधि हरि हर सुर सर्व।

महामत्त गजराज कहुं बस कर अंकुस खर्व।।

8- विवाह विध्न हरण के लिए−

गननायक वर दायक देवा।

आज लगे कीन्हिउ तुअ सेवाा।।

बार− बार विनती सुनति मोरी।

कहरु चाप गुरुता अति थाेरी।।

जप संख्या−

11 दिन तक 11 माला

9- आनंद प्राप्ति के लिए−

सबहिं मनहिं मन किए प्रनामा। देखि राम भए पूरनकामा॥

हरषे दसरथ सुतन्ह समेता। कहि न जाइ उर आनँदु जेता॥

जप संख्या-

प्रातः रोजाना 24 बार

10- शुभ यात्रा के लिए−

सुर प्रसून बरषहिं हरषि करहिं अपछरा गान।

चले अवधपति अवधपुर मुदित बजाइ निसान ।।

जप संख्या− यात्रा आरंभ करते समय सात बार

11- नौकरी में सुगमता के लिए−

राजन राउर नामु जसु, सब अभिमत दातार।

फल अनुगामी महिपमनि, मन अभिलाष तुम्हारा।।

जप संख्या-

24 बार रोजाना

12- व्यापार वृद्धि के लिए−

कहत राम गुन गन अनुरागे।

सब निज भाग सराहन लागे।।

हम सम पुण्य पुंज जग थाेरे।

जिन्हहि रामु जानत करेमोरे।।

जप संख्या-

72 बार रोजाना

13- शांति के लिए−

बेलि विटप सब सफल समूला।

बोलत खग मृग अति अनुकूला।।

तेहि अवसर बन अधिक उछाहूं।

त्रिविध समीर सुखद सग काहूं।।

जप संख्या-

रोजाना 11 बार

14- शत्रु नाश के लिए−

उमा राम की भृकुटि बिलासा। होइ बिस्व पुनि पावइ नासा॥

तृन ते कुलिस कुलिस तृन करई। तासु दूत पन कहु किमि टरई॥

जप संख्या-

संध्या समय तेल का दीपक लगाकर 111 बार

15- परीक्षा में सफलता के लिए−

मो सम दीन न दीन हित, तुम्ह समान रघुवीर।

अस बिचारि रघुबंस मनि, हरहु विषमभवमीर।।

जप संख्या-

11 बार श्री राम दर्शन के समय

वैसे तो संपूर्ण रामायण ही संपूर्ण महामंत्रों की निधि है परंतु सहज भाव से किये गये उपरोक्त मंत्रों के जपों में राम नाम की टेक अवश्य लगाना चाहिए।

राम सियाराम सियाराम जय, जय राम।

राम सियाराम सियाराम जय, जय राम।

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