World Radio Day 2021: 'हवा महल' की अचला बन गईं हिट फिल्मों की लेखिका
World Radio Day 2021 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस। 1971 से 1984 तक रेडियो में ब्रज की अचला की आवाज के लोग हो गए थे कायल। रेडियो की उद्घोषिका ने लिखीं 32 बेहतरीन बालीवुड फिल्मों की पटकथा।
आगरा, विनीत मिश्र। डा. अचला नागर। ये वह नाम है, जो मायानगरी मुंबई में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। रुपहले पर्दे पर धमाल मचाने वाली कई फिल्मों की कहानी अचला नागर ने ऐसी गढ़ी कि लोग फिल्मों में ही खो गए। बहुत कम लोग जानते हैं कि ये वही अचला नागर हैं, जो कभी रेडियो के चर्चित कार्यक्रम हवा महल की उद्घोषिका थीं। 13 बरस तक रेडियो की दुनिया में मेहनत के बूते पहचान बनाने वाली अचला नागर हिट फिल्मों की पटकथा लेखक बन गईं।
मथुरा शहर के एलपी नागर रोड पर रहने वाली अचला नागर को साहित्यिक माहौल विरासत में मिला था। पिता अमृतलाल नागर मशहूर साहित्यकार थे. नवंबर 1971 में वह मथुरा की आकाशवाणी सेवा से बतौर उद्घोषिका जुड़ गईं। कुछ करने का जज्बा था, तो कुछ नया करने की सोची। अचला बताती हैं कि उस वक्त विविध भारती का नाटकों पर आधारित हवा महल कार्यक्रम बहुत चर्चित था। लेकिन इसमें तब मथुरा के लेखक नहीं होते थे. बल्कि अन्य जिलों के लेखक ही इसे लिखते थे. ऐसे में उन्होंने उच्चाधिकारियों से बात कर नाटक हवा महल शुरू किया। 15 मिनट के लिए इस कार्यक्रम के लिए कई लेखकों से नाटक लिखवाती थीं। फिल्मी फरमाइशों के कार्यक्रम नवरंग में उनके प्रस्तुतिकरण के अंदाज को सुनने के लिए ब्रजवासी उतावले रहते थे। वह बताती हैं कि तब आगरा में आकाशवाणी नहीं था। मथुरा आकाशवाणी से ही भरतपुर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, एटा और मैनपुरी संचालित होता था। वह बताती हैं कि तब उन्होंने जनपद दर्पण कार्यक्रम शुरू किया। हर माह, एक दिन, एक घंटे का ये कार्यक्रम होता और किसी न किसी जिले की वह बेहतरीन स्टोरी सुनातीं। इसी बीच वह मुंबई शिफ्ट होना चाहती थीं, मार्च 1981 में उन्होंने मुंबई के विविध भारती में तबादला करा लिया। अचला नागर बताती हैं कि वह रेडियो और पत्रिकाओं का दौर था। वह उस समय की मशहूर पत्रिकाओं में कहानियां लिखती थीं। उसी दौरान मशहूर फिल्म निर्देशक बीआर चोपड़ा से बात हुई, उन्हें अपनी एक कहानी दी, उन्हें पसंद आई। ये बात वर्ष 1980 की है। बीआर चोपड़ा के कहने पर सलमा आगा अभिनीत फिल्म निकाह की कहानी लिखी और फिल्म सुपर-डुपर हिट हुई। फिर क्या था एक के बाद एक 32 फिल्में लिखीं, जिनमें ज्यादातर सुपर हिट रहीं। वह कहती हैं कि मैंने जो काम किया ईमानदारी से किया। फिल्मी पटकथा लिखने के दौरान रेडियो के लिए समय कम मिल पाता था, इसलिए 1984 में विविध भारती से प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव के पद से इस्तीफा दे दिया।
इन फिल्मों में लिखी पटकथा
डा. अचला नागर ने निकाह, बागवान, बाबुल, आखिर क्यों, ईश्वर, नगीना, निगाहें, अमीरी-गरीबी, सैलाब, मेरा पति सिर्फ मेरा है, सदा सुहागन, आखिर क्यों, ईश्वर, नगीना, निगाहें, अमीरी गरीबी, बाबुल, सैलाब, मेरा पति सिर्फ मेरा है।