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आस्था के साथ सैर सपाटे का बड़ा केंद्र बना ब्रज, मथुरा आएं तो यहां आना न भूलें

कान्हा की नगरी में आस्था के साथ पिकनिक भी। महावन स्थित कवि रसखान और ताजबीबी की समाधि बनी पर्यटक के आकर्षण का केंद्र। यमुना की लहरों से अठखेलियां करने को श्रद्धालु लालायित रहते हैं। गोकुल के घाटों पर ही साथियों संग कान्हा यमुना में अठखेलियां करते थे।

By Tanu GuptaEdited By: Updated: Mon, 20 Jun 2022 01:50 PM (IST)
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हाल में विकसित गोकुल और महावन पिकनिक के बड़े केंद्र बन गए हैं।
आगरा, विनीत मिश्र। अपने आराध्य की एक झलक पाने को दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं। मथुरा- वृंदावन के साथ ही गोकुल, बरसाना, नंदगांव, बलदेव, गोवर्धन में आराध्य के दर्शन को लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, लेकिन आस्था के साथ अब कान्हा की नगरी पिकनिक का बड़ा केंद्र भी बनती जा रही है। हाल में विकसित गोकुल और महावन पिकनिक के बड़े केंद्र बन गए हैं।

भगवान श्रीकृष्ण के भक्त कवि रसखान की समाधि महावन में है। कभी झाड़ियों के बीच रसखान समाधि थी। लेकिन रसखान और इनसे सटी ताजबीबी की समाधि अब आकर्षण का केंद्र बन गई है। लाखों रुपये खर्च कर जर्जर रसखान समाधि का कायाकल्प कर दिया गया। पारंपरिक सुर्खी चूना से इसका निर्माण किया। समाधि की परिक्रमा को मार्ग का जीर्णोद्धार भी हुआ। हरियाली के बीच सजा समाधि स्थल परिसर में खानपान के लिए कैंटीन की भी सुविधा दी गई है। मुक्ताकाशीय रंग मंच बनाया गया है। बीते सात जून को यहां आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने हर सप्ताह यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम कराने के निर्देश दिए। यहां कवि रसखान से जुड़ी डाक्यूमेंट्री के लिए भी हाल बना है। घूमने के लिए उद्यान भी है। इसी परिसर में स्थित ताजबीबी की की समाधि का भी जीर्णोद्धार हुआ है। उन्हें रसखान और ताजबीबी के बारे में जानकारी हो रही है, पिकनिक बनाने का नया स्थान भी मिल गया। समाधि स्थल का भ्रमण करने के लिए रोज बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। समाधि स्थल परिसर में हरियाली इस कदर है कि देखते ही मन को मोह ले।

गोकुल की घाटों ने बढ़ा दी शोभा

यमुना मतलब कान्हा की पटरानी। यमुना की लहरों से अठखेलियां करने को श्रद्धालु लालायित रहते हैं। गोकुल वह स्थान हैं, जहां उन्हें कंस के कारागार में जन्म के बाद पिता वसुदेव यमुना पार कर मैया यशोदा के पास लाए थे। गोकुल के घाटों पर ही साथियों संग कान्हा यमुना में अठखेलियां करते थे। इसी यमुना में उन्होंने कालिया नाग का मर्दन किया था। अब इन घाटों को उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने संवारा है। गोकुल का ठकुरानी और मुरलीधर घाट आज खिलखिला रहे हैं। यहां से यमुना में बोटिंग का आनंद भी पर्यटकों को मिल रहा है। दूर-दूर से श्रद्धालु शाम को यहां पहुंचते हैं और समय बिताते हैं।

रमणरेती आश्रम बना पिकनिक अड्डा

ठाकुर रमणबिहारी की भक्ति से सराबोर महावन के रमणरेती आश्रम में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती। यहां हिरनों को दाना देने से लेकर रमणरेती आश्रम का भ्रमण भी श्रद्धालु करते हैं। हर दिन यहां शाम को हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। रमणरेती आश्रम से थोड़ा आगे ब्रह्मांड घाट भी पिकपिक का नया स्पाट बन गया है। ब्रह्मांड घाट वही स्थान है, जहां के बारे में मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने यहां मिट्टी खाई तो मैया यशोदा ने उससे मुंह खोलने को कहा, जब कान्हा ने मुंह खोला तो मैया को मुख के अंदर मिट्टी के स्थान पर ब्रह्मांड दिखाई दिया। इसीलिए स्थान को ब्रह्मांड घाट के नाम से जाना जाता है। घाट पर स्थित भगवान श्रीकृष्ण के ब्रह्मांड बिहारी मंदिर पर मिट्टी के लड्डू चढ़ाए जाते हैं। 

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