Cow Shelter Home: पशुपालक न चारा, सड़क पर भटक रहा गोवंश Agra News
चारा देने से कतरा रहे ठेकेदार विभाग को दोबारा मांगनी पड़ीं निविदाएं। निराश्रित गोवंश को पालने के लिए रुचि नहीं दिखा रहे पशुपालक।
By Tanu GuptaEdited By: Updated: Fri, 20 Sep 2019 10:03 AM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। निराश्रित गोवंश को पालने के लिए आवेदन मांगे गए थे, लेकिन पशुपालकों ने रुचि नहीं दिखाई। निराश्रित पशुओं को पालने के एवज में पशुपालकों को प्रतिमाह नौ सौ रुपये देने की व्यवस्था है। वहीं निराश्रित गोवंश के लिए चारे का भी संकट है। विभाग ने चारे के लिए निविदा मांगी थीं, लेकिन ठेकेदारों ने रुचि नहीं दिखाई। अब विभाग ने दोबारा निविदाएं मांगी हैं।
तकरीबन एक माह पहले निराश्रित गोवंश को पालने के लिए आवेदन मांगे गए थे, लेकिन एक माह बाद भी सात-आठ आवेदन ही विभाग को मिले हैं। इसमें पशुपालकों को सरकार की ओर से नौ सौ रुपये हर माह दिए जाने हैं। इसके अलावा पशुओं की चिकित्सीय व्यवस्था की जिम्मेदारी विभाग की होगी। हालांकि राशि कम होने के कारण पशु पालकों ने निराश्रित गोवंश को पालने में रुचि नहीं दिखाई। नतीजतन निराश्रित गोवंश सड़कों पर भटक रहा है।यही नहीं पशुओं के लिए चारे का भी संकट खड़ा हो गया है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी विभाग ने निराश्रित पशुओं के लिए चारे और भूसे के लिए सर्विस प्रदाता कंपनियों और एजेंसियों से निविदा मांगी थीं। लंबे समय तक इंतजार के बाद भी सिर्फ दो ही आवेदन आए। आवेदन कम होने के कारण विभाग को दोबारा आवेदन मांगना पड़ा। अब निविदा जमा करने की तिथि 25 सितंबर कर दी गई है।
दोबारा मांगे जा रहे आवेदन गोवंश के भरण पोषण के लिए भूसा और हरे चारे के लिए निविदा मांगी गई थीं, लेकिन पहली बार में आवेदन कम आए। इसलिए दोबारा आवेदन मांगे गए हैं।
अशोक कुमार दौनेरिया, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
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