आगरा में बंदरों के आतंक से मिलेगी निजात, पांच एकड़ में बनेगा रेस्क्यू सेंटर
रेस्क्यू एवं रीहेव्लीटेशन सेंटर में अस्वस्थ्य बंदरों को रखा जाएगा वहीं स्वस्थ्य की सर्जरी कर उनको वापस छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही गर्भवती मादा सहित दूसरों की सेवा की जाएगी। शुरुआत में इसे 500 बंदरों की क्षमता के लिए विकसित किया जाएगा। धीरे-धीरे इसकी क्षमता को 2000 बंदरों के लिए किया जाएगा। सिकंदरा के निकट स्वामी मुस्तकिल में नगर गी शूटिंग रेंज की खाली पड़ी जमीन का प्रस्ताव हुआ है।
जागरण संवाददाता, आगरा। बंदरों ने शहर के विभिन्न क्षेत्र में आतंक मचा रखा है तो ताजमहल से सहित दूसरे स्मारकों का दीदार करने आने वालों को चोट पहुंचा छवि धूमिल करते हैं। इससे राहत के लिए नगर निगम ने मंकी रेस्क्यू एवं रीहेव्लीटेशन सेंटर बनाने के लिए डीपीआर तैयार कर ली है।
प्रदेश के पहले सेंटर का निर्माण सिकंदरा क्षेत्र के स्वामी मुस्तकिल में पांच एकड़ भूमि पर होगा। इसकी अनुमानित लागत 14 करोड़ रुपये आ रही है।
शहर में बंदरों की संख्या 90 हजार पार कर गई है। बंदरों का आतंक इतना बढ़ गया है कि रोज विभिन्न क्षेत्रों में लोग घायल हाे रहे हैं। पिछले दिनों छत से गिरकर एक युवक की मौत हो गई थी।
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राजामंडी रेलवे स्टेशन, एसएन इमरजेंसी, स्टेडियम हो या ताजमहल सभी जगह इनका आतंक है। कई बार पर्यटकों को दौड़ा और काट चुके हैं। इससे वे भयभीत होते और शहर की छवि खराब होती है।
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पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अजय सिंह ने कहा कि बंदरों की सर्जरी कर उनका बधियाकरण किया जा रहा है। साढ़े आठ हजार हो चुकी है। डीपीआर तैयार हो चुकी है। रेस्क्यू सेंटर बनने से बंदरों के संकट से शहर को राहत मिलेगी।
ये है आंकड़ा
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- बंदरों की संख्या, 90 हजार
- बंदरों की सर्जरी हुई, 8500
- शहर से बन क्षेत्र में छोड़ गए बंदर, 10 हजार