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ताजनगरी के युवाओं को लुभा रही रिप्ड जींस, बयान पर बवाल के बाद और बढ़ गई डिमांड

ताजनगरी में हर माह रिप्ड जींस का 16 करोड़ रुपये से ज्यादा का है काराेबार। हर दिन साढे़ चार हजार जींस की होती है बिक्री। बीच के दशक में रिप्ड जीन्स का फैशन थोड़ा कम नजर आया। ज्यादा लोग इस तरह की जींस नहीं पहनना पसंद करने लगे।

By Prateek GuptaEdited By: Updated: Sat, 20 Mar 2021 11:55 AM (IST)
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ताजनगरी के युवाआें को रिप्ड जींस लुभा रही हैं।
आगरा, गौरव भारद्वाज। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा रिप्ड (फटी हुई) जींस को लेकर दिए गए बयान के बाद लोगाें की अलग-अलग राय आ रही है। मगर, ताजनगरी के युवाआें को रिप्ड जींस लुभा रही हैं। यही कारण है कि ताजनगरी में हर माह सवा लाख से ज्यादा रिप्ड जींस की बिक्री हो रही है। रिप्ड जींस पहनने वालों में लड़कियों की संख्या भी ठीक है।

रिप्ड यानी फटी जींस पहनना एक ऐसा फैशन है जो पिछले कुछ साल से काफी ज्यादा नजर आ रहा है। ऐसी जींस आमतौर पर घुटनों या फिर जांघ के पास से रिप्ड (फटी हुई) होती है। सेलिब्रेटी से लेकर कालेज जाने वाले युवाओं के बीच रिप्ड जींस का चलन है। कमला नगर स्थित आइफा इंस्टीट्यूट की छात्रा सौम्या सिंह का कहना है कि रिप्ड जींस ट्रेंड में है। इस जींस का फैब्रिक स्मूथ हाेता है, इसलिए यह पहनने में आरामदायक होती है। साथ में इसे पहनने से कूल लुक आता है। उनकी तरह छवि को भी रिप्ड जींस पहनने में कोई दिक्कत नहीं है। उनका कहना है कि रिप्ड जींस में घुटनों पर या इससे ऊपर एक कट होता है, इसमें इतनी कोई परेशानी नहीं है। यह आज का ट्रेंड है। सबकी अपनी-अपनी पसंद है। लड़कियों के अलावा लड़कों को भी रिप्ड जैसी काफी पसंद हैं। रिप्ड जींस की पसंद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर दिन शहर के बडे़ जींस शोरूम में 30 फीसद रिप्ड जींस की बिक्री होती है। बाबा गारमेंट के हरीश ने बताया कि रिप्ड जींस इस समय ट्रेंड में है। लड़के और लड़कियां दोनों रिप्ड जींस को पसंद कर रहे हैं। उनके स्टोर से एक दिन में 20 से 30 रिप्ड जींस की बिक्री हाेती है। डेढ़ हजार से तीन हजार रुपये की रेंज की रिप्ड जींस ज्यादा पसंद की जाती है। सदर बाजार स्थित रेडीमेड गारमेंट शोरूम के संचालक बाैबी शर्मा ने बताया कि पिछले दो साल में रिप्ड जींस का चलन फिर से बढ़ा है। यहां पर हल्की रिप्ड जींस ज्यादा पसंद की जाती है।

हर माह 16 करोड़ रुपये का कारोबार

आगरा रेडीमेड गारमेंट संगठन के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल का कहना है कि रिप्ड जींस फैशन में है। युवा वर्ग इसे ज्यादा पसंद करता है। आगरा में 300 से ज्यादा रेडीमेड गारमेंट के बडे़ से छोटे स्टोर हैं। अगर औसतन एक स्टोर पर दिन में 15 रिप्ड जींस की बिक्री होती है तो दिन में करीब 4,500 रिप्ड जींस की बिक्री होती है। एक माह में बाजार बंदी निकालने के बाद करीब सवा लाख जींस बिक जाती हैं। अनुमान के मुताबिक अगर एक जींस की औसत कीमत 1200 रुपये मानें तो माह में रिप्ड जींस का 16 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार है।

ऐसे शुरू हुआ रिप्ड जींस का फैशन

आइफा फैशन इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर सचिन सारस्वत ने बताया कि जींस को सबसे पहले 1870 में डिजाइन करने का काम किया गया था। इसे एक जर्मन कारोबारी लोइब स्ट्रास ने डिजाइन किया था। इसका नाम लेवी रखा गया और स्ट्रास ने ही डेनिम ब्रांड की शुरुआत की थी। उन्होंने रेशेदार काटन के कपड़ों को मिलाया और एक ट्राउजर बना दिया, लेकिन रिप्ड जींस 100 साल बाद यानी 1970 में अस्तित्व में आई। इससे पहले अगर कोई कटी-फटी जींस पहननता था तो उसका या तो मजाक उड़ाया जाता था या फिर उसे गरीब समझा जाता था। मगर, इस तरह के फैशन को असल में पहचान तब मिली जब हालीवुड अभिनेत्रियों ने इसे पहनना शुरू किया। इसके बाद लोग अपनी जींस को खुद ही फाड़ने या काटने लगे।

2010 से फिर ट्रेंड में आई रिप्ड जींस

बीच के दशक में रिप्ड जीन्स का फैशन थोड़ा कम नजर आया। ज्यादा लोग इस तरह की जींस नहीं पहनना पसंद करने लगे, लेकिन 2010 में एक बार फिर रिप्ड जींस का ट्रेंड नजर आया। कई बडे़ डिजाइनर्स ने इसे फिर से लांच करने का काम किया और अपने स्टोर्स में इसे जगह दी। डेनिम अपनी जींस को दो तरह से रिप करता है, एक लेजर तरीके से और दूसरा तरीका हाथों से। 

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