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Agra News: सैनिक, पत्रकार और युवा ने निभाया इंसानियत का फर्ज, सड़क पर तड़पते घायल राहगीर की बचाई जान

Agra News आगरा में हाईवे पर एक व्यक्ति हादसे का शिकार हुआ था। सैनिक पत्रकार युवा और डाक्टरों ने उसे नया जीवन दिया। सभी ने मिलकर राहगीर को सिनर्जी प्लस अस्पताल में भर्ती आया होश। सदर के देवरी रोड स्थित दुर्गा पैलेस का रहने वाला है सुरेंद्र बघेल।

By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Thu, 15 Sep 2022 02:34 PM (IST)
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Agra News: कर्तव्य ने दिया दुर्घटना में घायल राहगीर सुरेंद्र को जीवनदान

आगरा, जागरण संवाददाता। एक सैनिक, दैनिक जागरण और डॉक्टरों के कर्तव्य ने सड़क दुर्घटना में घायल राहगीर को नई जिंदगी दी। उसके छह माह के पुत्र के सिर पर पिता की छांव और पत्नी के सुहाग को बरकरार रखा। गुरुवार की सुबह होश में आए राहगीर ने अपना नाम सुरेन्द्र बघेल बताया। वह दुर्गा पैलेस, सैनिक विहार देवरी रोड सदर का रहने वाला है। डॉक्टरों ने सुरेन्द्र की हालत खतरे से बाहर बताई है। होश में आते ही सुरेन्द्र ने सैनिक, दैनिक जागरण और डॉक्टरों को अपना जीवन बचाने के लिए धन्यवाद दिया।

सिकंदरा हाईवे पर बुधवार को सड़क दुर्घटना में राहगीर घायल हो गया था। जिसे वहां से निकल रहे सैनिक और दैनिक जागरण के पत्रकार ने पहल करते हुए सिनर्जी प्लस में भर्ती कराया था। समय पर भर्ती कराने और डॉक्टरों की कोशिशों ने राहगीर को नई जिंदगी दी। गुरुवार की सुबह होश में आने पर राहगीर ने अपना नाम सुरेन्द्र बघेल बताया। वह रोहता चौराहे के पास एक ढाबे पर काम करता है। वह किसी काम से सिकंदरा आया था। यहां से अपने घर आ रहा था। इसी दौरान दुर्घटना का शिकार हो गया।

सुरेन्द्र के परिवार में पत्नी सरिता, छह वर्षीय पुत्र आर्यन और छह माह का अबोध शिवा है। माँ विमलेश और पिता मुन्नालाल बघेल है। अस्पताल के स्टाफ ने सुरेन्द्र के स्वजन को जानकारी दे दी है।

गोल्डन आवर में बची जान

आगरा-दिल्ली हाईवे। समय 3.30 बजे। सिकंदरा से खंदारी की ओर जाने वाली लेन पर बीचोंबीच एक घायल व्यक्ति पड़ा है। वाहन निकल रहे हैं और आसपास लोग भी खड़े देख रहे हैं। यूपी 112 की एक गाड़ी भी वहां से निकली, लेकिन पुलिसकर्मी नहीं रुके। एक वाहन भी उसके ऊपर से निकलता तो उसके चिथड़े उड़ जाते। इसी बीच एक सैनिक अपनी कार लेकर वहां से निकल रहा था।

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संवेदना का समंदर लिए वह सैनिक वहां रुका। अपनी कार को ऐसे लगाया कि कोई वाहन उसे चपेट में न ले पाए। इसी बीच वहां पहुंचे दैनिक जागरण के एक पत्रकार। उन्होंने भी रोड पर अपनी कार को खड़ी करके सुरक्षा घेरा बना दिया। तभी एक युवा नागरिक ने अपनी बाइक खड़ी की और दो मददगारों के साथ खड़ा हो गया। तीनों ने मिलकर घायल व्यक्ति को सैनिक की कार में लेटाया और ले पहुंचे सिनर्जी प्लस हास्पिटल।

सैनिक, दैनिक जागरण के पत्रकार और युवा नागरिक की तरह डाक्टर भी अपना कर्तव्य निभाने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने बिना देर किए उपचार शुरू कर दिया। खर्च भी अभी डाक्टर उठा रहे हैं।

ढाबा पर काम करता है सुरेंद्र

गुरुवार की सुबह होश में आने पर राहगीर ने अपना नाम सुरेंद्र बघेल बताया। वह रोहता चौराहे के पास एक ढाबे पर काम करता है। वह किसी काम से सिकंदरा आया था। यहां से अपने घर आ रहा था। इसी दौरान दुर्घटना का शिकार हो गया।

परिवार में हैं पत्नी और दो पुत्र

सुरेंद्र के परिवार में पत्नी सरिता, छह वर्षीय पुत्र आर्यन और छह माह का अबोध शिवा है। मां विमलेश और पिता मुन्नालाल बघेल है। अस्पताल के स्टाफ ने सुरेंद्र के स्वजन को जानकारी दे दी है।

किसने क्या निभाया कर्तव्य

सैनिक: इंद्रजीत सिंह: ड्यूटी के लिए जल्दी में जा रहे थे। घायल को बीच रोड पर पड़ा देखकर उन्होंने पहला कर्तव्य उसकी जान बचाने को समझा। इंद्रजीत का कहना है कि अगर उनके शरीर से किसी की मदद हो जाए या किसी की जान बच जाए तो इससे बड़ी बात कोई नहीं हो सकती। यही सोचकर उन्होंने गाड़ी को रोड पर खड़ी करके घायल को उठाया था।

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इसके बाद मदद करने वाले भी मिल गए। इससे पहले वर्ष 2017 में वे हाथरस में बाइक से जा रहे थे। रास्ते में एक घायल रोड किनारे पड़ा मिला। वह बेहोश था। उसे कार्डियो पल्मोनरी रेससिटेशन (सीपीआर) दिया था। यहां भी जरूरत पड़ती तो उसे सीपीआर देते और उपचार का खर्च भी उठा लेते।

दैनिक जागरण के पत्रकार

आफिस से घर जा रहे थे। मगर, रास्ते में घायल और उसकी मदद करते एक युवा को देखा तो खुद गाड़ी रोड पर खड़ी करके मदद करने लगे। घायल को हास्पिटल पहुंचाने से लेकर उपचार शुरू होने तक वहां रहे। पुलिस को बुलाया। डाक्टर से घायल की हालत के बारे में बातचीत की और फाइल तैयार कराई। उपचार का खर्च उठाने के लिए भी डाक्टर से कहा। मगर, उन्होंने इन्कार कर दिया।

युवा नागरिक

टूंडला निवासी राहुल गर्ग नगर निगम में संविदा पर कार्य करते हैं। वे अपनी फील्ड ड्यूटी पर जा रहे थे। इसी बीच हादसे में घायल व्यक्ति को उन्होंने देखा। दो लोगों को उन्होंने मदद करते देखा तो खुद भी जुट गए। इसके बाद घायल को हास्पिटल पहुंचाने तक साथ रहे।

डाक्टर: रणवीर त्यागी

सिनर्जी प्लस हास्पिटल में डा. रणवीर त्यागी ने अज्ञात में फाइल तैयार की और हास्पिटल के खर्च पर ही उपचार शुरू किया। दवाओं का इंतजाम भी खुद ही किया। उनका कहना है कि वे अभी घायल का अपनी ओर से ही उपचार कर रहे हैं।

नेक आदमी योजना से पांच हजार का इनाम

सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर में अस्पताल ले जाकर उनकी जान बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नेक आदमी को पांच हजार रुपये की धनराशि और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किए जाने की योजना है। एसपी ट्रैफिक अरुण चंद्र ने बताया कि लोगों की जान बचाने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने को जिले स्तर से प्रस्ताव ट्रैफिक निदेशालय भेजा जाता है। वहां से प्रशस्ति पत्र और इनाम दिया जाता है। हास्पिटल संचालकों के लिए यह गाइड लाइन दी गई थी कि वे अज्ञात घायल का अपनी ओर से उपचार करेंगे। उसे हास्पिटल लेकर आने वाले लोगों से सवाल-जवाब नहीं करेंगे।

आप भी बन सकते हैं नेक आदमी

अगर आप भी नेक आदमी की तरह किसी की जान बचाने का नेक कार्य करने को तैयार हैं। या पहले नेक काम कर चुके हैं तो हमें व्हाट्सएप नंबर 9897465738 पर मैसेज भेजकर साझा कर सकते हैं अपने विचार और कृत्य, जिसे हम जागरण डाट काम पर अपलोड करेंगे।