Road Safety: हाईवे पर दर्द दे गई कंटेनर की रफ्तार, बुझा दिए घर के दो चिराग, पथरा गईं माता- पिता की आंखें
Road Safety मलपुरा में न्यू दक्षिणी बाइपास पर पांच नवंबर 2021 काे कंटेनर ने रौंद दिया था सगे भाइयों को। सिपाही भाई दीपक को स्टेशन छोड़ने आ रहे थे विवेक। दो बेटों को खाेने वाले माता पिता की मांग चालक की लापरवाही पर लगे लगाम।
By Ali AbbasEdited By: Tanu GuptaUpdated: Tue, 22 Nov 2022 12:22 PM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। बेटे दीपक के तन पर खाकी वर्दी देख पिता बृजमोहन और मां मंजू देवी गर्व से भर उठे थे। प्रशिक्षण के बाद सर्वश्रेष्ठ कैडेट का पुरस्कार मिलने पर माता-पिता ने उसे सीने से लगा लिया था। खुद को दुनिया के सबसे भाग्यशाली माता-पिता मान रहे थे।
मगर, हाईवे पर कंटेनर की अनियंत्रित गति उन्हें दर्द दे गई। घर के दोनों चिरागों का बुझा दिया। चालक की लापरवाही ने उनके आंखों के दो तारों को छीन लिया। मंजू देवी कहतीं हैं कि हादसे ने उनकी बुढापे की लाठी तो तोड़ी ही, कमर भी तोड़ दी। जब तक चालकों की लापरवाही भरी रफ्तार पर लगाम नहीं लगेगी, घरों के चिराग यूं ही बुझते रहेंगे। लोग सड़कों पर अपने बच्चों को खोते रहेंगे। इसे रोकने के लिए ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।
मलपुरा के नगला गईरया निवासी बृजमोहन पुलिस विभाग में मुख्य आरक्षी हैं।
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छुट्टी पर आया था बेटा और ले गया जिंदगी से ही अवकाश
वर्तमान में ताज सुरक्षा में तैनात हैं। पत्नी मंजू देवी गृहिणी हैं। परिवार में दो बेटियां हैं। दो बेटे दीपक चौधरी (24 वर्ष) और विवेक चौधरी (19 वर्ष) थे। पुत्र दीपक चौधरी का वर्ष 2020 में पुलिस भर्ती चयन हो गया था। उसे सर्वश्रेष्ठ आउटडोर कैडेट का पुरस्कार मिला था। बागपत के बलेनी थाने में उसकी तैनाती हो गई थी।मां मंजू देवी बताती हैं दीपक तीन दिन की छुट्टी पर घर आया था। वह लोग उसके लिए रिश्ता भी देख रहे थे। चार नवंबर 2021 को दीपक छोटे भाई विवेक के साथ बाइक पर बस स्टैंड आ रहे थे। न्यू दक्षिणी बाइपास पर गांव उजरई के कंटनेर ने दोनों को बाइक समेत रौंद दिया। जबकि उन्होंने बाइक को सड़क किनारे कर लिया था। कंटनेर चालक की लापरवाही ने उनके दोनों बेटों को छीन लिया। बेटे को दूल्हे का सेहरा पहनाने का सपना अधूरा रह गया। एक साथ दोनों बेटों की मृत्यु से परिवार एक वर्ष बाद भी नहीं उबर सका है।
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