UP Politics: कौन हैं रामजी लाल सुमन, जिन्हें सपा ने बनाया राज्यसभा प्रत्याशी, गठबंधन टूटने के बाद अखिलेश यादव की एससी वोट में सेंध
UP Political News आगरा के साथ ही अलीगढ़ मंडल के जिलों पर भी पड़ेगा असर l 26 वर्ष की आयु में फिरोजाबाद से निर्वाचित हुए थे सांसद। रामजी लाल सुमन की पकड़ आगरा के साथ अलीगढ़ मंडल में भी दिखती है। इससे आगरा के साथ ही अलीगढ़ मंडल की लोकसभा सीटों पर असर पड़ेगा। आगरा और अलीगढ़ मंडल एससी बाहुल्य हैं।
जागरण संवाददाता, आगरा। लोकसभा चुनाव में रालोद से गठबंधन टूटने पर एससी वोट में सेंध के लिए समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन को राज्यसभा प्रत्याशी बनाया है।
मूल रूप से सादाबाद के गांव बहरदोई निवासी रामजीलाल सुमन 26 वर्ष की आयु में 1977 में फिरोजाबाद से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। सपा से फिरोजाबाद से वह वर्ष 1977, 1989, 1999 और 2004 में चार बार सांसद रहे। सपा ने 2014 और 2019 में उन्हें हाथरस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया था, लेकिन जीत नहीं सके। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। पार्टी ने उन्हें राज्यसभा प्रत्याशी बनाया है।
एससी वोट में सेंधमारी
आगरा की दो लोकसभा सीटों के साथ ही फिरोजाबाद, हाथरस, अलीगढ़ में एससी वोट में सेंध से सपा को फायदा मिल सकता है। फिरोजाबाद सीट पर सपा पूरा दम लगा रही है। आगरा, फतेहपुर सीकरी सीट के साथ हाथरस में भी सपा को फायदा हो सकता है।ये भी पढ़ेंः UP News: इस जिले में पोस्टमार्टम हाउस पर मिलता है लाशाें पर डिस्काउंट!, दो हजार के सौदे में 500 की छूट
एक दिन पहले ही चले गए थे लखनऊ
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन रविवार को लखनऊ चले गए थे, वे अपने साथ समर्थकों को भी ले गए हैं। मंगलवार को वे नामांकन करेंगे। बुधवार को आगरा आएंगे।ये भी पढ़ेंः Weather Update UP: कानपुर में देर रात बारिश ने बढ़ाई ठंडक, यूपी के 40 जिलों में कैसा रहेगा आज का मौसम, पढ़ें लेटेस्ट अपडेट
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।छात्र राजनीति में ही दिख गए थे तेवर
बेबाकी में अलग पहचान रखने वाले रामजी लाल सुमन की राजनीति में ऊंचाई छूने की चर्चाएं छात्र राजनीति से ही होने लगी थीं। हाथरस में वर्ष 1971 में एमजी पालीटेक्निक के छात्र रवेंद्र और बंटी की हत्या के बाद बड़ा आंदोलन हुआ था। उस आंदोलन का नेतृत्व रामजी लाल सुमन ने ही किया था। इस आंदोलन से उनकी राजनीतिक पारी को रफ्तार मिली।राजनीतिक सफर
- वर्ष 1977 में महज 26 वर्ष की आयु में वह पहली बार फिरोजाबाद से सांसद बने।
- इसके बाद वर्ष 1989, 1999 और 2004 फिरोजाबाद से ही वह सपा से जीतकर लोकसभा पहुंचे।
- चंद्रशेखर की सरकार में 1991 में वह श्रम और बाल विकास मंत्री भी रहे।
- अपने गृह जनपद में वह जीत का स्वाद नहीं चख सके।
- 2014 में वह हाथरस लोकसभा से सपा के प्रत्याशी बने और चुनाव हार गए।
- 2019 के लोकसभा में सपा-बसपा गठबंधन में फिर से वह हाथरस से चुनाव लड़े, लेकिन फिर भी हार का सामना करना पड़ा।