Move to Jagran APP

Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2022 पर आगरा में पुलिसकर्मियों का मार्च पास्ट, राष्ट्रीय एकता की शपथ ली

Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2022 संजय प्लेस शहीद स्मारक से निकाला मार्च पास्ट। पुलिस लाइन में सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर ली राष्ट्रीय एकता और अखंडता की शपथ। पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 में मनाया गया था।

By Ali AbbasEdited By: Tanu GuptaUpdated: Mon, 31 Oct 2022 02:15 PM (IST)
Hero Image
सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयन्ती पर मार्च पास्ट करते पुलिसकर्मी।
आगरा, जागरण संवाददाता। सोमवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती के अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी और अपर पुलिस अधीक्षक यातायात अरुण चंद सहित अन्य अधिकारियों की संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक से परेड को हरी झण्डी दिखा कर मार्चअप किया।

संजय प्लेस, शहीद स्मारक पर सहयोगियों के साथ एसएसपी प्रभाकर चौधरी।

जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद आगरा द्वारा पुलिस लाइन स्थित क्वार्टर गार्द में सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। समस्त पुलिसकर्मियों को राष्ट्रीय एकता, अखण्डता एवं सुरक्षा की शपथ दिलाई गई। इसी तरह जनपद के सभी कार्यालयों/थानों पर जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थों को राष्ट्रीय एकता, अखण्डता एवं सुरक्षा की शपथ दिलाई गई।

यह भी पढ़ेंः Breaking:मेट्रो ट्रैक के जैक के रिंग से युवक को लगी चोट, एटीएम की केबिन का शीशा टूटा

परेड के दौरान घुड़सवार पुलिसकर्मी। 

क्या है राष्ट्रीय एकता दिवस

बता दें कि पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 में मनाया गया था। पेशे से वकील सरदार पटेल ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें खासतौर पर खेड़ा सत्याग्रह के लिए जाना जाता है। सरदार पटेल आजादी के बाद देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी थे।

यह भी पढ़ेंः Cyber Crime: आभासी दुनिया की दोस्ती, बन रही गले की फांस, किशाेरी और महिलाएं सबसे ज्यादा शिकार

सरदार वल्लभ भाई पटेल की तस्वीर पर मार्ल्यापण करते एसएसपी प्रभाकर चौधरी।

सरदार वल्लभ भाई पटेल 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में जन्मे थे। तकरीबन 562 रियासतों में बंटे भारत को एक राष्ट्र बनाने के लिए सरदार पटेल ने काफी पसीना बहाया। उन्होंने जूनागढ़ और हैदराबाद जैसे विवादित रियासत को भी अपनी चतुराई और कूटनीतिक कौशल से भारत में मिला दिया था। इसी वजह से महात्मा गांधी ने उन्हें लौहपुरुष की उपाधि प्रदान की थी। 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में किसान झबेरभाई और धर्मपरायण माता लाड़बाई के परिवार में जन्मे सरदार वल्लभ भाई पटेल बचपन से ही साहसी थे। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।