Sawan Somvar 2023: ऐतिहासिक शिव परिक्रमा में शिवमय हुआ शहर, कोई बना नंदी तो कोई शिव का गण
Sawan Somvar 2023 परिक्रमा करने वाले शिवभक्त शहर के चारों कोनों पर स्थित शिवालयों में पूजा करने के लिए निकले। सिकंदरा स्थित वनखंडी महादेव रावतपाड़ा स्थित श्रीमनकामेश्वर महादेव और कलक्ट्रेट स्थित रावली महादेव मंदिर पर भी परिक्रमार्थियों ने पूजा-अर्चना की और रातभर में करीब 43 किमी का सफर तय कर परिक्रमा पूरी की। यमुना किनारों पर पुलिस को खासी मेहनत करनी पड़ी।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Mon, 17 Jul 2023 07:41 AM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। Sawan Somvar 2023: सावन के द्वितीय सोमवार की पूर्व संध्या से ही पूरा शहर शिवमय हो गया। नगर के चारों कोनों पर स्थित शिव मंदिरों की ऐतिहासिक नगर परिक्रमा पर निकले श्रद्धालुओं के जयकारों से चारों दिशाएं गुंजायमान हो उठी। परिक्रमा में कोई भोले का नंदी, तो कोई उनके गण का रूप धारण कर शामिल हुआ। देर रात तक शहर के प्रत्येक कोने में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता रहा। परिक्रमार्थियों की सेवा के लिए जगह-जगह भंडारे लगाए गए। शाम ढलते ही नगर में परिक्रमा प्रारंभ हो गई।
शहर के चारों कोनों के लिए होती है परिक्रमा
शहर की प्रत्येक गली और मुहल्ले से शिवभक्तों की भीड़ निकली और चारों दिशाएं बम भोले और हर हर महादेव के जयघोषों से गूंज उठीं। कोई परिक्रमार्थी कमर में घंटी, तो कोई गले में नाग डालकर परिक्रमा में शामिल हुआ। परिक्रमार्थी भगवान शिव के नाम और तस्वीर लगी बनियान और टीशर्ट पहनकर व हाथों में शिवजी का अभिषेक करने के लिए लोटा, गिलास या अन्य बर्तन लेकर परिक्रमा पर जत्थों के साथ निकले। पूरे नगर का भ्रमण कर राजपुर चुंगी स्थित राजेश्वर महादेव, बल्केश्वर स्थित बल्केश्वर महादवे, सिकंदरा स्थित कैलाश महादेव और शाहगंज स्थित पृथ्वीनाथ महादेव मंदिरों के दर्शन कर भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।
शाम से शुरू होकर सुबह होती है खत्म
आगरा की ऐतिहासिक शिव परिक्रमा शाम से शुरू हो गई जगह-जगह लगे भंडारे परिक्रमार्थियों की सेवा के लिए शहर में जगह-जगह भंडारे लगाए गए। उन पर सब्जी-पूड़ी के साथ अन्य पकवान का वितरण किया गया। साथ ही शीतल जल, शरबत, चाय आदि का भी वितरण किया गया। परिक्रमार्थी भंडारों पर तेज आवाज में चल रही मधुर संगीत की धुन पर रातभर पूरे जोश में चलते रहे।भीड़ संभालने में छूटा पसीना
परिक्रमा में उमड़ी भीड़ को सभालने के लिए पुलिस-प्रशासन ने खासी व्यवस्था की थी। विशेषकर यमुना घाटों पर विशेष प्रबंध किए गए थे, लेकिन भीड़ में सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त होती नजर आयीं। हालांकि परिक्रमा पूरी करने के लिए श्रद्धालु किसी भी स्थान पर अधिक देर नहीं रुके इसलिए थोड़ी मशक्कत के बाद व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया गया।
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