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Agra Cop: 'फ्लैट पर बुलाकर ओआर लेते हैं एसीपी, खड़ा रखते हैं घंटों', इंस्पेक्टर प्रकरण के बाद महिला पुलिसकर्मियों का छलका दर्द

UP Police Woman Cop Meeting In Agra इंस्पेक्टर के प्रकरण के बाद कमिश्नरेट की महिला पुलिसकर्मियों का बैठक में छलका दर्द कई थाना प्रभारियों की भी शिकायत मिलीं कि वह रात में ही ओआर लेते हैं। जिसके बाद सोमवार को पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विशेष परिस्थितियों को छोड़कर सूर्यास्त के बाद किसी भी महिला पुलिसकर्मी की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 25 Jun 2024 07:10 AM (IST)
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महिला उप निरीक्षकों संग ड्यूटी के दौरान आने वाली समस्याओं के बारें में जानकारी लेतीं एसीपी सुकन्या शर्मा: सौजन्य पुलिस

जागरण संवाददाता, आगरा: एत्माद्दौला थाने में तैनात इंस्पेक्टर दुर्गेश कुमार मिश्रा पर प्रशिक्षु महिला दारोगा द्वारा लगाए आरोप चर्चा का विषय बने हुए हैं।महिला दारोगाओं को ड्यूटी के दौरान आने वाली समस्याओं काे जानने के लिए सोमवार को एसीपी सुकन्या शर्मा ने उनकी बैठक बुलाई थी। जिसमें महिला दारोगाओं का दर्द छलक उठा।

महिला दारोगाओं ने एसीपी के सामने खुलकर अपनी बात रखी। सिटी जाेन में तैनात एक एसीपी के बारे में बताया कि वह रात अपने फ्लैट पर अर्दली रूम (ओआर) लेते हैं। महिला दारोगाओं को घंटों खड़ा रखते हैं। उन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं देते हैं। 

निलंबित इंस्पेक्टर एत्माद्दौला दुर्गेश कुमार मिश्रा पर आरोप है कि वह प्रशिक्षु महिला दारोगा काे अपने कमरे में सोने के लिए बुलाते थे। शिकायत पर इंस्पेक्टर के अलावा एसएसआइ अमित प्रसाद को भी निलंबित किया गया है। पुलिस आयुक्त के निर्देश पर एसीपी सुकन्या शर्मा ने कमिश्नरेट में तैनात महिला दारोगाओं की बैठक बुलाई थी। जिससे उन्हें विशाखा गाइड लाइन की जानकारी दी जा सके।

महिला दारोगाओं पर दबाव बनाए तो बताएं

एत्माद्दौला प्रकरण का उदाहरण देते हुए प्रशिक्ष महिला दारोगाओं से कहा कि यदि कोई वरिष्ठ अधिकारी उन पर दबाव बनाए तो वह इसकी शिकायत अपने जोन के डीसीपी या पुलिस आयुक्त से कर सकती हैं। हमराह में जाने की जरूरत नहीं है। किसी कारणवश जाना पड़े तो एक और महिला पुलिसकर्मी साथ लेकर जाएं।

बैठक में महिला दारोगाओं से पूछा

बैठक में महिला दारोगाओं से पूछा गया कि उन्हें किन-किन बातों पर आपत्ति है, समस्या सामने आती है। जिस पर सिटी जोन की दो महिला दरोगा ने अपनी पीड़ा सामने रखी। बताया कि जोन के एक एसीपी देर रात अपने फ्लैट पर अर्दली रूम के लिए बुलाते हैं।अर्दली रूम के लिए अचानक फोन आता है। इस दौरान वह घर पर होती हैं। उन्हें रात में अर्दली रूम के लिए एसीपी के ताजगंज क्षेत्र स्थित आवास तक दौड़ लगानी पड़ती है।

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एसीपी घंटों रोक कर रखते हैं। इस दौरान उन्हें बैठने के लिए कुसी तक नहीं देते हैं। जिस हाल में बैठक ली जाती है, वहां सिर्फ एक सोफा पड़ा है, जिस पर इंस्पेक्टर बैठ जाते हैं। जबकि यह अर्दली रूम दिन में थाने पर भी हो सकता है।

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ग्रामीण क्षेत्र के एक थाना प्रभारी की शिकायत भी महिला दारोगा ने की है। कहा कि थानाध्यक्ष रात 11 बजे बुलाते हैं। बैठक में सामने आई बातों के बाद पुलिस आयुक्त ने महिला पुलिसकर्मियाें की ड्यूटी के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

थानों पर इन नियमों का सख्ती से करना होगा पालन

  • सूर्यास्त के बाद थानों में विशेष परिस्थिति को छोड़कर किसी भी महिला पुलिसकर्मी की ड्यूटी न लगाई जाए।
  • विशेष परिस्थितियों में थाना परिसर से बाहर निवास करने वाली महिला पुलिसकर्मी को ड्यूटी पर बुलाना जरूरी है तो उसे सरकारी वाहन भेजकर ही बुलाया जाए
  • महिला पुलिसकर्मी को थाना प्रभारी या अन्य किसी अधिकारी के हमराह की ड्यूटी में नहीं लगाया जाए।
  • ड्यूटी में ले जाना जरूरी है तो कम से कम दो महिला पुलिसकर्मी ले जाएं।
  • महिला पुलिसकर्मियों की रात्रि गणना सूर्यास्त से पहले कर ली जाए
  • महिला निरीक्षक-दरोगा का अर्दली रूम दिन के समय थाना कार्यालय या एसीपी कार्यालय में ही किया जाए।
  • गर्भावस्था के दौरान पुलिसकर्मी से लाइट ड्यूटी ली जाए, वीआइपी या हमराह ड्यूटी नहीं लगाई जाए।
  • जिन महिला पुलिसकर्मियों के दो वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं, उनको ड्यूटी के मध्य एक घंटे का ब्रेक दिया जाए।
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