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जीएसटी में वृद्धि के खिलाफ बंद रहा जूता कारोबार

100 करोड़ का कारोबार प्रभावित हींग की मंडी से कलक्ट्रेट तक कारोबारियों ने निकाला जुलूस पांच फीसद से बढ़ाकर 12 फीसद की गई है जूते पर जीएसटी

By JagranEdited By: Updated: Wed, 05 Jan 2022 08:24 PM (IST)
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जीएसटी में वृद्धि के खिलाफ बंद रहा जूता कारोबार

आगरा, जागरण संवाददाता । एक हजार रुपये तक के जूते पर जीएसटी को पांच से बढ़ाकर 12 फीसद किए जाने के विरोध में बुधवार को जूता कारोबार बंद रहा। हींग की मंडी, सदर भट्टी, धाकरान, बिजलीघर, सुभाष बाजार स्थित जूता, सोल, कंपोनेंट्स, फोम आदि की सभी दुकानें, फैक्ट्रियां, कारखाने बंद रहे। इससे करीब 100 करेाड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। जूता कारोबारियों ने हींग की मंडी से कलक्ट्रेट तक जुलूस निकाला और प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपकर जीएसटी में की गई वृद्धि को वापस लेने की मांग की।

एक जनवरी से एक हजार रुपये तक के जूते पर जीएसटी को पांच फीसद से बढ़ाकर 12 फीसद कर दिया गया है। जीएसटी में की गई ढाई गुना वृद्धि का जूता कारोबारी विरोध कर रहे हैं। आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के आह्वान पर बुधवार को शहर में जूता कारोबार से संबंधित 25 मार्केट पूरी तरह बंद रहे। दुकानों के ताले भी नहीं खुले। कारखाने व फैक्ट्रियां भी बंद रहीं। जूता कारोबारी व कारीगर दोपहर 12 बजे हींग की मंडी के नजदीक राक्सी सिनेमा पर एकत्र हुए। यहां से जुलूस निकालते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे और एडीएम सिटी प्रतिपाल सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपा। फेडरेशन के अध्यक्ष गागनदास रामानी ने कहा कि लाकडाउन की वजह से जूता उद्योग दुर्दिन देख रहा है। कर की दर बढ़ाने से यह रसातल में चला जाएगा। जूते इतने महंगे हो जाएंगे कि गरीब लोग नहीं पहन सकेंगे। जीएसटी बढ़ने से घरों में कुटीर उद्योग के रूप में जूता बनाने वाले छोटे कारोबारी और व्यापारी प्रभावित होंगे। छोटे कारखाने बंद हो सकते हैं, इससे बेरोजगारी बढ़ेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री से आगरा के जूता उद्योग और उससे जुड़े 3.5 लाख लोगों के रोजगार को बचाने की मांग की।

फेडरेशन के महामंत्री दिलीप खूबचंदानी ने सहयोग के लिए सभी का आभार जताया। अशोक मिड्डा, चांद दीवान, विजय सामा, रमेश मुंजाल, लाल साहब विमल, प्रमोद महाजन, अजय महाजन, महेंद्र कपूर, कालू, उपेंद्र लवली, रोहित ग्रोवर, प्रदीप सरीन, संजय, जेठा पुरसननानी, कन्हैयालाल राठौर, प्रदीप मेहरा, अजय महाजन, रोहित महाजन, चंद्रवीर सिंह आदि मौजूद रहे। जूता दस्तकार फेडरेशन ने सौंपा ज्ञापन

जूता दस्तकार फेडरेशन ने अध्यक्ष अभिकाम भरत सिंह पिप्पल के नेतृत्व में प्रधानमंत्री को नामित ज्ञापन कलक्ट्रेट में एसीएम पंचम विजय शर्मा को सौंपा। ज्ञापन में जीएसटी में की गई वृद्धि को वापस लेने की मांग की गई है। अभिकाम भरत सिंह पिप्पल ने बताया कि जूते के सोल व अन्य मैटेरियल की महंगाई ने घरेलू जूता उद्योग की कमर तोड़कर रख दी है। हर सप्ताह सोल व मैटेरियल के दाम बढ़ा दिए जाते हैं। जीएसटी बढ़ाने से परंपरागत जूता उद्योग पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। जूता व्यापारी, कारखाना संचालकों को आर्डर नहीं दे रहे हैं। जूता दस्तकार काम को छोड़कर पलायन करेंगे तो कारोबार चौपट हो जाएगा। विश्वजीत सिंह, दिनेश कुमार, चौधरी खलीफा राम, जितेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे। अन्य प्रदेशों में भी रही बंदी

कारोबारियों ने बताया कि जूते पर जीएसटी बढ़ाए जाने के विरोध में राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, छत्तीसगढ़ में भी व्यापारियों ने बंदी रखी। गुजरात में मंगलवार को बंदी रही थी। आगरा में जूता कारोबार

-जूता उद्योग करीब 500 वर्ष पुराना है।

-तीन लाख कारीगर और 50 हजार व्यापारी, मजदूर, पैकर्स, कर्मचारी व ट्रांसपोर्ट से संबंधित लोग जूता कारोबार पर आश्रित हैं।

-घरेलू जूता बाजार का वार्षिक टर्नओवर करीब 20 हजार करोड़ रुपये है।

-जीएसटी लागू होने से पूर्व 500 रुपये तक का जूता करमुक्त था। जीएसटी लागू होने पर एक हजार रुपये तक के जूते पर पांच फीसद कर लगाया गया।

-देश में जूते की 65 फीसद मांग की आपूर्ति आगरा करता है। सस्ता होने की वजह से यह लोगों की पसंद है।

-उप्र सरकार ने आगरा के जूता उद्योग को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना में शामिल कर रखा है।

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