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Agra News: जज्बे को सलाम, दुर्घटना से थम गई जिंदगी, व्हीलचेयर पर बैठ खोल दी पाठशाला, सीआरपीएफ में हुआ था चयन

Agra News In Hindi हौसला तो कुछ भी किया जा सकता है। श्रीकांत सिसोदिया ने ये साबित करके दिखाया है। सीआरपीएफ में चयन के बाद एक सड़क दुर्घटना ने उन्हें दिव्यांग बना दिया। लेकिन हौसले की बैशाखी से उन्होंने बच्चों को पढ़ाना किया शुरू। आज उनकी पाठशाला में तमाम बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। स्थानीय लोग उनकी मदद भी कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sat, 12 Aug 2023 01:33 PM (IST)
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दुर्घटना से थम गई जिंदगी, व्हीलचेयर पर बैठ खोल दी पाठशाला
मुन्ना लाल शर्मा, फतेहाबाद-आगरा। देश की सेवा के लिए सेना में जाने का लक्ष्य बनाकर पसीना बहाया, चयन भी हो गया। मगर, एक हादसे से फतेहाबाद ब्लाक के गांव घांघपुरा के रहने वाले 34 वर्ष के श्रीकांत सिसोसिया की जिंदगी थम गई।

देश की सीमा पर तैनात रहने की जगह लेना पड़ा व्हीलचेयर का सहारा

देश की सीमा पर तैनात रहने की जगह व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। हिम्मत नहीं हारी, व्हीलचेयर पर बैठकर निश्शुल्क पाठशाला खोल दी। घर पर बच्चों को पढ़ाना शुरू किया, स्कूल में भी पढ़ाने लगे। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने के साथ ही लोगों की मदद भी कर रहे हैं। श्रीकांत सिसोदिया ने आरबीएस महाविद्यालय से बीकाम की पढ़ाई के दौरान एनसीसी कैडेट बन गए। इसके साथ ही सेना को लक्ष्य बना लिया।

रीढ़ की हड्डी में लगी थी चोट

सीआरपीएफ में सिपाही के पद चयन का छह जून 2010 को पत्र आ गया। वे दोस्त की शादी में मुरैना, मध्य प्रदेश जा रहे थे, हादसे में उनके रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई, इलाज कराया लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। व्हीलचेयर तक जिंदगी सिमट कर रह गई। श्रीकांत ने हिम्मत दिखाई और 2013 में अपनी राह बदल दी, बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। धीरे धीरे बच्चे पढ़ने के लिए आने लगे, इन बच्चों को उच्च शिक्षा के साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराना भी शुरू कर दिया। पिछले 10 वर्ष से वे बच्चों को पढ़ा रहे हैं, स्कूल में भी पढ़ाने जाते हैं।

आस पास के क्षेत्र के युवक भी करियर काउंसिलिंग कराने के लिए आते हैं। उन्होंने राशन कार्ड न बनने सहित अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ में समस्या आने पर भी लोगों की मदद करते हैं। फतेहाबाद डेवलपिंग ग्रुप फतेहाबाद, श्रीनाथ सेवा संस्थान शमसाबाद, सागा फाउंडेशन आगरा से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। 

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