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Agra News: गर्भ में लड़का है या लड़की, महज कुछ रुपयों में बताने वाले गैंग का भंडाफोड़, इंटर पास करता था अल्ट्रासाउंड

Agra News आगरा निवासी अतुल कुमार ने अपने घर में भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाले गैंग को एक कमरा किराए पर दे रखा था। पुलिस ने यहां छापा मारकर योगेंद्र सिंह उर्फ बनिया देवेंद्र सिंह मोहन सिंह सुंदर सिंह मकान मालिक अतुल कुमार और एजेंट पुष्पा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के कब्जे से अल्ट्रासाउंड मशीन 14 हजार रुपये छह मोबाइल और दो कार बरामद हुई हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 10 Aug 2024 07:01 AM (IST)
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आगरा सिकंदरा के बाईपुर से गिरफ्तार भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाले गैंग के सदस्य। सौजन्य: पुलिस

जागरण संवाददाता, आगरा। किराए के कमरे में भ्रूण लिंग परीक्षण का गोरखधंधा चल रहा था। गर्भ में लड़की होने पर यह गैंग गर्भपात करा देता था।

सिकंदरा पुलिस ने शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ छापा मारकर मौके से पांच युवकों और एक महिला को गिरफ्तार कर लिया। मौके पर मिलीं दो गर्भवती महिलाओं से पूछताछ में गैंग का पर्दाफाश हो गया। पकड़े गए आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

इंस्पेक्टर नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि किराए के कमरे में पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन के माध्यम से योगेंद्र उर्फ बनिया जांच करता था। मशीन को आरोपित कार से लेकर पहुंचते थे। एजेंट यहां गर्भवती महिलाओं को लेकर आते थे। अल्ट्रासाउंड करने के एवज में आठ से 10 हजार रुपये लिए जाते थे। इसके बाद अगर गर्भ में लड़की होती तो मनमाफिक फीस लेकर योगेंद्र और उसका साथी मोहन सिंह गर्भपात करा देते।

भ्रूण लिंग परीक्षण गिरोह से जब्त किए गए मोबाइल से खुलेंगे राज

भ्रूण लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या करने वाले गिरोह का सरगान योगेंद्र उर्फ बनिया और मोहन सिंह उर्फ बंटी तीसरा बार पकड़ा गया है। गिरोह में डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के नाम भी सामने आए हैं, ये गर्भस्थ शिशु के लड़की होने पर डॉक्टर की मौजूदगी में गर्भपात कराते थे। स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से गर्भवती से भ्रूण लिंग परीक्षण कराने के लिए संपर्क किया जाता था। गिरोह से जब्त किए गए मोबाइल की कॉल डिटेल और वाट्सएप चैट से कई राज खुलेंगे।

पहले भी भ्रूण परीक्षण में पकड़ा है

सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि योगेंद्र और मोहन सिंह वर्ष 2019 में मथुरा में भ्रूण लिंग परीक्षण करते हुए पकड़े गए थे, इसके बाद 20 मार्च 2021 को रैपुरा अहीर में योगेंद्र के घर से र्पोटेबल अल्ट्रासाउंड मशीन और लिंग परीक्षण कराते हुए गर्भवती को पकड़ा था। डॉक्टर राजीव कुमार सहित गिरोह के 10 सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद योगेंद्र और मोहन सिंह ने नया गिरोह बना लिया। इसमें योगेंद्र का भाई देवेंद्र भी है। गिरोह के सदस्य हाईस्कूल और इंटरमीडिएट हैं।

कार से मशीन लेकर आता था युवक

पुलिस के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम सुबह ही बाईंपुर पहुंच गई थी। योगेंद्र कार से पोर्टेबल मशीन लेकर पहुंचे, इसके करीब 30 मिनट बाद दूसरी कार से दो गर्भवती आईं। गर्भवती के कमरे में पहुंचने के कुछ देर बाद ही टीम पहुंच गई और सभी को पकड़ लिया। तीन से चार महीने के गर्भ पर जांच, झूठ बोलकर गर्भपात गिरोह के सदस्य तीन से चार महीने के गर्भधारण पर ही भ्रूण लिंग परीक्षण करा देते थे। जिन गर्भवती में भ्रूण के लिंग का पता नहीं चलता था उन्हें लड़की बताया जाता था।

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25 से 30 हजार में करते थे सौदा

गर्भपात के लिए 25 से 30 हजार रुपये में सौदा करते थे। गर्भपात दूसरी जगह पर कराया जाता था। अछनेरा में घर में गर्भपात, जगनेर में अवैध तरीके से प्रसव स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जुलाई में अछनेरा घर में छापा मारा था। गर्भपात कराने में इस्तेमाल होने वाली दवाएं और उपकरण जब्त किए थे, अनपढ़ महिलाएं गर्भपात करा रहीं थी।ये भी गिरोह में तो शामिल नहीं थी, इसकी भी जांच की जा रही है। अगस्त में बिना पंजीकरण के जगनेर में संचालित हो रहे प्रीति हास्पिटल में छापा मारा था। यहां झोलाछाप द्वारा प्रसव कराया जा रहा था।

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भ्रूण लिंग परीक्षण के पकड़े गए मामले

  • 2023 में स्वाट टीम ने किरावली के अभुआपुरा गांव में भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाला अंतरराज्यीय गिरोह को पकड़ा था
  • हरियाणा की टीम ने 2022 में प्रिया हॉस्पिटल के संचालक डा. राजीव कुमार को भ्रूण लिंग परीक्षण के मामले में पकड़ा
  • जनवरी 2018 राजस्थान पीसीपीएनडीटी टीम ने मैक्स डायनोस्टिग एंड पैथोलाजी, बोदला रोड पर लिंग परीक्षण करते हुए संचालक अजय उपाध्याय और प्रीति कुलश्रेष्ठ को पकड़ा था।
  • अक्टूबर 2017 में टेढ़ी बगिया में रुसखार बेगम के घर पर छापा, पोर्टेबल मशीन से लिंग परीक्षण करते हुए पकड़ा।
  • जुलाई 2017 को आइएमए की पूर्व अध्यक्ष डॉ. निर्मला चोपड़ा सहित चार को लिंग परीक्षण करते हुए राजस्थान की टीम ने पकड़ा।
  • अप्रैल 2017 डॉ. रेनू भार्गव संचालिका भरत भार्गव हॉस्पिटल को लिंग परीक्षण करते पकड़ा। सिकंदरा थाने से छोड़ दिया गया।
  • अप्रैल 2017 को राजस्थान की टीम ने विद्या नर्सिग होम की संचालिका डॉ. विद्या गुप्ता सहित नर्स और दो दलाल गिरफ्तार किए थे।
  • जनवरी 2017 को संजीवनी हॉस्पिटल के संचालक डा. भूपेंद्र ने नर्स द्वारा चलाए जा रहे फर्जी लिंग परीक्षण रैकेट को पकड़वाया।
  • जून 2016 को डा. अमित गुप्ता अल्ट्रासाउंड सेंटर, आगरा कॉलेज के सामने स्टिंग के बाद छापा मारकर डा. अमित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया, सेंटर सील।
  • सितंबर 2016 को सलीम मेमोरियल हॉस्पिटल, फतेहाबाद में संचालक अलीमुद्दीन (78), एएनएम शरबती, दलाल हर्ष चौधरी, हरवीर सिंह और कैलाश को गिरफ्तार किया गया। 

गर्भपात के लिए बुलाते थे डाक्टर आरके गुप्ता

पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम की पूछताछ में सामने आया है कि गर्भपात कराने के लिए डॉक्टर आरके गुप्ता को बुलाते थे, स्वास्थ्य विभाग में कार्य करने वाले कर्मचारी, आशा सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से संपर्क में रहते थे। जिन गर्भवती के पहले दो बेटियां हैं उनसे एजेंट के माध्यम से संपर्क करते थे। एजेंट को एक से दो हजार रुपये देते थे। टीम में नोडल अधिकारी डा. एसएम प्रजापति शामिल रहे।

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