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आगरा में फसलों पर धुंध और धूल का 'आक्रमण'

सड़क से उड़ने वाली धूल फसल पर बैठ रही है, जो कि फसलों को कमजोर कर रही है सरसों, गेहूं, आलू की फसल पर जमी धूल से पत्ते कमजोर हो रहे हैं।

By Amal ChowdhuryEdited By: Updated: Wed, 27 Dec 2017 10:49 AM (IST)
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आगरा में फसलों पर धुंध और धूल का 'आक्रमण'

आगरा (जागरण संवाददाता)। आलू, सरसों और गेहूं की फसल पर ठंड और धूलभरी हवा का आक्रमण शुरू हो गया है। पौधों पर मिट्टी जमने से उसकी ग्रोथ रुक रही है। फसल पर धूल का प्रभाव सबसे ज्यादा सड़क किनारे के खेतों पर सबसे ज्यादा पड़ रहा है। यहां से गुजरने वाले वाहनों से उड़ती धूल और प्रदूषण नुकसान पहुंचा रहा है। सड़क से मिट्टी लेकर गुजरने वाले वाहन इस प्रभाव को बढ़ा रहे हैं।

हाईवे के चौड़ीकरण में भी इस समय मिट्टी का काम चल रहा है जिसका आस-पास की फसल पर प्रभाव पड़ रहा है। सड़क से उड़ने वाली धूल फसल पर बैठ रही है, जो कि फसलों को कमजोर कर रही है। सरसों, गेहूं, आलू की फसल पर जमी धूल से पत्ते कमजोर हो रहे हैं। इस परिस्थिति में कमजोर पत्ते गिर जाते हैं और तने की वृद्धि भी रुक जाती है। इससे फसल और उत्पादन दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

गांव अंगूठी निवासी किसान लाचारी सोलंकी ने बताया कि धुंध और धूल से सर्वाधिक सरसों की फसल को नुकसान हो रहा है। जबकि गेहूं और आलू में किसानों की मेहनत बढ़ गई है। किसान खजान सिंह ने बताया कि सड़क की किनारे की फसलों पर वाहनों द्वारा छोड़े जाने वाला प्रदूषण भी प्रभावी हो जाता है।

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ऐसे बचाएं फसलों को: जिला कृषि अधिकारी राम प्रवेश का कहना है कि धु़ंध और धूल की गंदगी पौधों पर जमने पर सिंचाई के दौरान पानी से उसे साफ करना जरूरी होता है। अन्यथा पौधे बढ़ नहीं पाते हैं। आलू और गेहूं में कई बार सिंचाई होती है, इसलिए उनके पौधों को बचाने के लिए मौके भी मिल जाते हैं। लेकिन सरसों की फसल में महज एक ही सिंचाई होती है, इस कारण उसके पौधों को बचाना आसान नहीं रहता है। लेकिन धुंध और धूल के जमने पर हाथ की मशीन से हवा और पानी बरसाया जा सकता है। जिससे पौधों को धुंध की गंदगी और धूल से मुक्त किया जा सकता है।

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