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Somvati Amavasya 2022: सोमवती अमावस्या पर आस्था और भक्ति का संगम, गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

Somvati Amavasya 2022 भोर होते ही ही कासगंज जिले के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी। स्नान के बाद किया दान मांगी खुशहाली। शनि जयंती के मौके पर श्रद्धालुओं ने की शनिदेव की भी आराधना।

By Tanu GuptaEdited By: Updated: Mon, 30 May 2022 01:23 PM (IST)
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Somvati Amavasya 2022: सोमवती अमावस्या के अवसर पर सोरों में गंगा मैया में डुबकी लगाते श्रद्धालु।
आगरा, जागरण टीम। सोमवती अमावस्या के मौके पर कासगंज जिले के गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचे। गंगा स्नान कर श्रद्धालुओं ने दान पुण्य किया और परिवार की खुशहाली की कामना की। गंगा घाटों पर सुबह से लेकर शाम तक स्नान का सिलसिला जारी रहा। जगह-जगह धार्मिक अनुष्ठान किए गए। वातावरण पूरी तरह भक्तिमय दिखाई दिया। धूप दीप की सुगंध गंगा घाटों के वातावरण में खुल गई।

रविवार की शाम से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्न्नान के लिए गंगा घाटों पर पहुंचने लगे थे। मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान से बड़ी संख्या में श्रद्धालु घाटों पर पहुंचे। तीर्थ नगरी सोरों में रात भर श्रद्धालुओं ने अपने-अपने पुरोहितों से संपर्क शुरू किया और फिर रात को विश्राम करने के बाद ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान शुरू कर दिया। तीर्थनगरी के हरिपदी घाट के अलावा लहरा घाट, कछला घाट, कादरगंज घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह जैसे-जैसे सूर्य की किरण खिलती गई वैसे-वैसे श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती ही गई। वैसे तो रात से ही आस्था और भक्ति का अनूठा संगम था। श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंच रहे थे। सोमवार को अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान करने के साथ-साथ तीर्थ नगरी के मंदिरों में देव दर्शन किए। परिवार की खुशहाली की कामना की। हरिपदी गंगा के घाट पर परिक्रमा लगाई। साधु-संतों को दान पुण्य किया। गंगा घाटों पर धार्मिक अनुष्ठानों से आस्था महकती रही।

पितरों को किया याद

गंगा घाटों पर स्नान को पहुंचे श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद भगवान शिव और पार्वती की पूजा विधि विधान पूर्वक की। फिर पुरोहितों से अनुष्ठान करा कर पितरों को याद किया। कई श्रद्धालुओं ने श्रीमद्भगवत कथा पुरोहितों से कराई।

शनि देव की भी हुई उपासना

सोमवार को शनि जयंती थी। ऐसे में शनि देव की उपासना भी की गई। श्रद्धालुओं ने शनि देव को तेल, तिल, काला वस्त्र, काली छतरी आदि अर्पित किए और परिवार की खुशहाली के लिए कामना की। शनि मंदिरों में भी दिनभर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा।

दो साल बाद उमड़ा सैलाब

कोरोना संक्रमण के कारण दो साल तक सोमवती अमावस्या पर्व के गंगा स्नान पर रोक रही थी। जिससे श्रद्धालु स्नान के लिए नहीं पहुंचे, लेकिन जब गंगा स्नान से रोक हट चुकी है तो स्नान के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। 

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