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Agra News: नाम गलत होने पर दावा किया था खारिज, अब नामित मां को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की राशि देने के आदेश

Agra News In Hindi सड़क हादसे में बेटे की मौत के बाद मां ने बीमा राशि के लिए क्लेम किया था। लेकिन नाम गलत होने पर मां का दावा बैंक ने खारिज कर दिया था। बेटे का स्टेट बैंक की किरावली शाखा में खाता था। जिसमें से प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा करा रखा था। खाते में पुत्र ने मां को नामित कर रखा था।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 10 Jun 2024 08:14 AM (IST)
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Agra News: पालिसी में गलत नाम बता खारिज कर दिया था दावा
जागरण संवाददाता, आगरा। सड़क दुर्घटना में मृत बेटे का पालिसी में नाम गलत बता बैंक ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की धनराशि देने से मना कर दिया। मामला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम में पहुंचने पर उसने बीमे मे नामित मां को क्लेम की धनराशि देने के आदेश दिए।

जैंगारा की राजवती ने आयोग में परिवाद प्रस्तुत किया था। जिसमें शाखा प्रबंधक स्टेट बैंक आफ इंडिया को पक्षकार बनाया था। राजवती के अनुसार उनके पुत्र विष्णु चाहर का स्टेट बैंक की किरावली शाखा में खाता था। जिसमें से प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा करा रखा था। बीमे की प्रत्येक वर्ष 20 रुपये किस्त कट रही थी। खाते में पुत्र ने उन्हें नामित कर रखा था।उनके पुत्र विष्णु चाहर की 21 जनवरी 2023 में सड़क दुर्घटना में हरियाणा के नूह में मृत्यु हो गई।

बीमा की किस्त काटकर किया था नवीनीकरण

बीमा राशि के भुगतान का दावा करने पर बैंक प्रबंधन ने यह कहते हुए मना कर दिया कि बीमा पालिसी में विष्णु चाहर की जगह सियाराम गुर्जर का नाम है। परिवादी के अधिवक्ता ने आयोग में तर्क दिया कि विष्णु चाहर के खाते से बीमा की किस्त काटकर पालिसी का नवीनीकरण किया गया था। राजरानी विष्णु चाहर की सगी मां हैं।

आयाेग के अध्यक्ष सर्वेश कुमार एवं सदस्य डा. अरुण ने बैंक को बीमित धनराशि दो लाख रुपये परिवादी को देने के आदेश दिए। साथ ही 10 हजार रुपये मानसिक पीड़ा और पांच हजार रुपये वाद व्यय के दिलाने के आदेश दिए।

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बीमित गाड़ी के क्लेम की धनराशि अदा करेगी बीमा कंपनी

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष सर्वेश कुमार और सदस्य डा. अरुण कुमार ने बीमा कंपनी को क्लेम की धनराशि 1.97 लाख रुपये छह प्रतिशत की वार्षिक ब्याज समेत अदा करने के आदेश दिए। इसके साथ ही परिवादी को मानसिक पीड़ा एवं वाद व्यय के रूप में 15 हजार रुपये देने को कहा।

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ट्रांस यमुना कॉलोनी निवासी मुरली मनोहर बंसल ने अधिवक्ता पुष्पेंद्र कुमार शर्मा के माध्यम से आयोग परिवाद प्रस्तुत किया था। परिवादी के अनुसार उनकी कार का द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से था। जाे कि दो जुलाई 2016 से एक जुलाई 2017 तक वैध थी। एक दिसंबर 2016 की रात यमुना एक्सप्रेसवे पर खड़ी खराब ट्रैक्टर-ट्र्राली से उनकी गाड़ी टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बीमा कंपनी ने क्लेम की पूरी धनराशि नहीं दी। 

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