Agra News दैनिक जागरण के अभियान के तहत सोमवार को जागरण टीम ने सेंट जोंस चौराहे की पड़ताल की। चौराहे के अव्यवस्थित होने में यातायात कर्मियों से ज्यादा राहगीर जिम्मेदार हैं। सेंट जोंस कालेज की तरफ से जाने वाले और राजा मंडी की ओर से आकर बाग मुजफ्फर खां के लिए मुड़ने वाले वाहन चालक अधिकतर सिगनल तोड़कर गाड़ियां निकालते हैं।
जागरण संवाददाता, आगरा। दिन भर छात्र-छात्राओं और भक्तों से भरा रहने वाला सेंट जोंस चौराहा सिग्नल तोड़ने वालों से परेशान है। कम यातायात कर्मियों की मौजूदगी के चलते इनपर लगाम नहीं लग पा रही है। इसके साथ ही लोहामंडी और बाग मुजफ्फर खां रोड पर दुकानों पर लगने वाली भीड़ भी जाम का ताना बाना बनने के लिए जिम्मेदार है।
दैनिक जागरण के अभियान के तहत सोमवार को जागरण टीम ने सेंट जोंस चौराहे की पड़ताल की। चौराहे के अव्यवस्थित होने में यातायात कर्मियों से ज्यादा राहगीर जिम्मेदार हैं। सेंट जोंस कालेज की तरफ से जाने वाले और राजा मंडी की ओर से आकर बाग मुजफ्फर खां के लिए मुड़ने वाले वाहन चालक अधिकतर सिगनल तोड़कर गाड़ियां निकालते हैं। दूसरी ओर तैनात होमगार्ड अगर इन्हें पकड़ने का प्रयास करें तो हादसा होने का डर रहता है।
लोहामंडी से बाग मुजफ्फर खां की ओर आने जाने वाले लोगों को आटो और ई-रिक्शा चालकों की लाइन काफी परेशान करती है। इसके चलते दोनों ओर जाम की स्थिति बनी रहती है।
रोड इंजीनियरिंग की खराबी भी चौराहे को अव्यवस्थित करती है।
बाग मुजफ्फर खां की ओर से दो तरफ से वाहन आते हैं और हनुमान मंदिर के पास एक ओर आना होता है। संकुचित सड़क पर वाहनों का दबाव बढ़ जाता है। चौराहे पर दोनों ओर सेंट जोंस डिग्री कालेज का परिसर है। सैकड़ों छात्र-छात्राओं को सड़क को पार करना होता है। पैदल राहगीरों की भी काफी संख्या है। यातायात संचालन के दौरान इनका भी ध्यान रखना जरूरी होता है।
दो चौराहे से जुड़े हैं जाम के तार
सेंट जान्स चौराहे पर जाम का कारण हरीपर्वत और राजा की मंडी चौराहा भी हैं। दोनों चौराहों से भारी संख्या में वाहन आते हैं। चौराहा संकुचित होने के कारण थोड़ी ही देर में वाहनों की कतार लग जाती है।
राहगीर वैभव जैन के अनुसार, चौराहे से गुजरते समय काफी मुश्किल होती है। रात में लोहामंडी रोड पर बाजार लग जाता है। शराब ठेके के बाहर लोग खोखों पर खड़े रहते हैं।
कमलेश देवी, लोहामंडी
रोजाना चौराहे से गुजरना होता है। यहां से गुजरने के दौरान जाम जरूर झेलना पड़ता है। इसका उपाय होना चाहिए।
डिवाइडर का छोटा हो आकार
यातायात संचालन विशेषज्ञ समीर गुप्ता ने बताया कि चौराहे पर पूर्व में हमारे संगठन द्वारा सुझाव दिए गए थे।सबसे मुख्य उपाय यह है कि चारों मार्गों पर डिवाइडर काट कर पीछे करने वाहिए। इससे जेब्रा लाइन की जगह बढ़ जाएगी और आवागमन में आसानी हो जाएगी।
यातायात सिग्नल की ग्रीन लाइट को एमजी रोड से आने वाले मार्ग पर एक मिनट का समय देना चाहिए और एमजी रोड पार करने के लिए तीस से चालीस सेकेंड का समय रखना चाहिए।
यातायात एसीपी अरीब अहमद के अनुसार, सेंट जोंस चौराहा भी पुलिस की योजना में मुख्य रूप से शामिल है,जल्द यहां के लिए नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।
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