Dbrau: Bams और एमबीबीएस कापियों में फर्जीवाड़े की जांच, एसटीएफ ने मांगा विवि के शिक्षकों का डाटा, मच गई खलबली
Dbrau बीएएमएस और एमबीबीएस की कापियों में हुई धांधली के बाद मुख्यमंत्री ने एसटीएफ को विश्वविद्यालय में जांच की कमान सौंपी थी। एसटीएफ ने अब विश्वविद्यालय के शिक्षकों और अधिकारियों का डाटा मांगा है। जिसके बाद खलबली मची है।
By Prabhjot KaurEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Thu, 13 Oct 2022 07:53 PM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में बीएएमएस और एमबीबीएस में हुए फर्जीवाड़े की रोज नई परत एसटीएफ खोल रही है। गिरफ्तार हुए छात्र नेता और कर्मचारियों द्वारा रोज उजागरण किए जा रहे तथ्यों के बाद एसटीएफ का शिकंजा विश्वविद्यालय पर कसता जा रहा है। पिछले वर्षों की मेडिकल की उत्तरपुस्तिकाओं को लेने के बाद कर्मचारियों का डाटा भी एसटीएफ को दिया जा चुका है। अब विश्वविद्यालय से शिक्षकों और अधिकारियों का डाटा भी मांगा गया है।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद एसटीएफ कर रही जांचबीएएमएस परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े की परतें हर रोज खुल रही हैं।आटो चालक देवेंद्र की गिरफ्तारी के बाद छात्र नेता राहुल पाराशर का नाम आया। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर एसटीएफ ने जांच शुरू की।राहुल पाराशर के सरेंडर करने के बाद पुलिस पूछताछ में उसने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। उन जानकारियों के आधार पर विश्वविद्यालय के तीन कर्मचारियों और एक पूर्व कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया।
शिक्षकों और अधिकारियों का डाटा मांगाइन कर्मचारियों ने भी उत्तरपुस्तिकाएं बदलने के ठेके उठाने वाले, ठेका कितने में उठता था, कौन-कौन शामिल है आदि जानकारी पुलिस को दी है। इस जानकारी के बाद एसटीएफ ने विश्वविद्यालय से शिक्षकों और अधिकारियों का डाटा भी मांगा है।
कुलसचिव डा. विनोद कुमार सिंह का कहना है कि एसटीएफ का सहयोग किया जा रहा है।उनके द्वारा जो जानकारी मांगी जाती है, वे हम उपलब्ध करा देते हैं।
राहुल पाराशर के सरेंडर के बाद हुए हैं कई तथ्य उजागरबीएएमएस मामले में छात्र नेता राहुल पाराशर के सरेंडर करने के बाद पुलिस के सामने राहुल ने कई तथ्य उजागरण किए। एक छात्र नेता का नाम भी बताया, जो समाजवादी छात्र सभा के पदाधिकारी भी रहा है। विश्वविद्यालय के तीन कर्मचारियों के नाम उजागर किए, जिन्हें सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। एक पूर्व कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया गया।
तीन कालेजों के नाम भी राहुल ने लिए, जो इस मामले में शामिल हैं। राहुल ने स्वीकार किया कि 2016 से वो एमबीबीएस और बीएएमएस की उत्तरपुस्तिकाओं की अदला-बदली का काम कर रहा है। एसटीएफ ने पिछले दिनोंम गोपनीय और परीक्षा विभाग के कर्मचारियों से भी पूछताछ की थी।
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