आगरा में रिटायर शिक्षिका की संदिग्ध मौत, 3 दिन तक बंद घर में पड़ा रहा शव; कॉलोनी वालों को नहीं लगी भनक
आगरा में एक सेवानिवृत्त शिक्षिका की मौत का मामला सामने आया है। सेक्टर 16 सिकंदरा आवास विकास कॉलोनी में रहने वाली विमलेश पाठक तीन दिनों से अपने घर में अकेली पड़ी थीं और उनकी मौत हो गई। उनके स्वजन मैनपुरी से लगातार उन्हें कॉल कर रहे थे लेकिन कॉल रिसीव नहीं हो रही थी। स्वजन आगरा पहुंचे और पुलिस को बुलाकर बंद दरवाजे की कुंडी तोड़ी।
जागरण संवाददाता, आगरा। एकाकी जीवन जीने वाली सेवानिवृत्त शिक्षिका ने बंद घर में दम तोड़ दिया। मेयर के आवास के सामने रहने वाली शिक्षिका का शव तीन दिन तक घर में पड़ा रहा, कॉलोनी वालों भनक तक नहीं लगी। मैनपुरी में रहने वाले स्वजन तीन दिन से लगातार शिक्षिका को कॉल कर रहे थे।
कॉल रिसीव नहीं होने पर स्वजन ने शनिवार शाम को आगरा पहुंचने के बाद पुलिस को बुलाकर बंद दरवाजे की कुंडी तोड़ी। शिक्षिका कमरे में बेड पर मृत मिलीं।
तलाक के बाद 16 साल से अकेले रह रही थी मृतका
सेक्टर 16, सिकंदरा आवास विकास कॉलोनी की 65 वर्षीय विमलेश पाठक, सेवानिवृत्त शिक्षिका थीं। शादी के एक वर्ष बाद ही पति से तलाक हो गया था। यहां वह 16 वर्ष से अकेले रह रहीं थी। कॉलोनी के लोगों से उनकी बातचीत नहीं थी। कॉलोनी में परचूनी की दुकान तक ही उनका आना-जाना था। अधिकांश समय घर पर रहती थीं। उनका मायका सारंग इलेक्ट्रानिक्स के पास थाना कोतवाली मैनपुरी में था।शनिवार दोपहर मैनपुरी से विमलेश के भाई गोपाल कृष्ण पाठक ने पुलिस को फोन किया। बताया कि विमलेश को तीन दिन से कॉल कर रहे हैं, लेकिन काल रिसीव नहीं हो रही है।
बेड पर पड़ा मिला था विमलेश का शव
शाम को आगरा पहुंचे स्वजन ने पुलिस को बुलाकर दरवाजे की कुंडी तोड़ी। विमलेश का शव बेड पर पड़ा हुआ था। कई दिन पुराना होने के चलते उससे दुर्गंध आ रही थी। इंस्पेक्टर सिकंदरा नीरज कुमार ने बताया पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण दिल का दौरा पड़ने से होना आया है।फरह में दस दिन पहले सदभावना सम्मेलन में लिया था हिस्सा
विमलेश 15 वर्ष से सिकंदरा रेलवे ओवर ब्रिज के पास स्थित श्रीहंस सत्संग सभा से जुड़ी थीं। यहां प्रत्येक रविवार को नियमित रूप से सत्संग में शामिल होने आती थीं।
यह भी पढ़ें- क्लब में नौकरी लिए आगरा बुलाई डांसर से दुष्कर्म; पत्नी ग्राहकों को परोसने चली तो फ्लैट से कूदकर भागी युवतीसत्संग सभा के पदाधिकारी विश्वनाथ सिंह भदौरिया ने बताया कि विमलेश आखिरी बार 29 सितंबर को फरह में दीनदयाल धाम में आयोजित सदभावना सम्मेलन में शामिल होने गई थीं। जिसके बाद से वह सत्संग में शामिल होने नहीं आ रही थीं। वहीं, कॉलोनी के लोगों ने बताया कि वह विमलेश को पांच दिन से घर के बाहर लोगों ने नहीं देखा था।
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