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taj mahal controversy: ताजमहल में शिव चालीसा पाठ की अनुमति नहीं, महाराणा प्रताप सेना ने दिया था आवेदन

taj mahal controversy ताजमहल एक संरक्षित स्मारक है और यहां देश-दुनिया से लाखों पर्यटक हर साल आते हैं। महाराणा प्रताप सेना ने 30 को स्मारक के अंदर शिव चालीसा पाठ व आरती की प्रशासन से मांगी थी अनुमति।

By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Sun, 29 May 2022 09:22 AM (IST)
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taj mahal controversy: ताजमहल पर शिव चालीसा पढ़ने की अनुमित मांगी गई।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल वैसे तो अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में सुर्खियों में रहता है। लेकिन इस सुंदरता के पीछे कुछ विवाद भी ताज का पीछा कर रहे हैं। इन विवादों से ताजमहल पिछले महीने से चर्चाओं में हैं। कभी तहखाने के 22 बंद कमरे खुलने का मामला गरमाता है तो कभी वहां हिंदू तस्वीरों का हवाला दिया जाता है।

ताजमहल में हाल ही के दिनों में कुछ युवकों ने नमाज पढ़ी थी जिसके बाद सीआईएसएफ के जवानों ने उन्हें पुलिस को सौंपा था। हालांकि उन्हें जमानत दे दी गई थी। इसी मुद्दे के बाद अखिल भारत हिंदू महासभा ने वहां पूजा-पाठ करने की अनुमति मांगने के लिए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। तर्क दिया था कि पूजा-पाठ करने की अनुमति दी जाए चाहे नमाज पढ़ने वाले युवकों की तरह उन्हें पकड़ लिया जाए।

अब शिवचालीसा पाठ और आरती के लिए मांगी गई अनुमति

ताजमहल में शिव चालीसा पाठ और आरती को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) दीप्ति देव ने महाराणा प्रताप सेना के आवेदन को अस्वीकृत कर दिया है। उनका कहना है कि ताजमहल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित धरोहर इमारत है। इसमें कोई नवीन परंपरा शुरू नहीं की जा सकती। अनुमन्य धार्मिक आयोजन के अतिरिक्त किसी अन्य धार्मिक आयोजन की अनुमति कानून व्यवस्था एवं पर्यटकों की सुरक्षा की दृष्टि से किया जाना उचित नहीं है।

30 मई के लिए मांगी थी अनुमति

महराणा प्रताप सेना को ताजमहल परिसर में शिव चालीसा का पाठ एवं आरती की अनुमति प्रदान नहीं की जाती है। ताजमहल को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

स्मारक के अंदर 22 कमरों के विवाद के बाद महाराणा प्रताप सेना ने ताजमहल का नाम तेजोमहल करवाने के लिए सोमवार 30 मई को सुबह दस बजे ताजमहल परिसर में अपने अनेक कार्यकर्ताओं के साथ शिव चालीसा का पाठ एवं आरती के लिए प्रशासन से अनुमति मांग की थी।

इस आवेदन को प्रशासन ने अस्वीकार कर दिया है। एसीएम चतुर्थ का कहना है कि ताजमहल में कोई नवीन परंपरा शुरू नहीं हो सकती। आयोजकों ने जो अनुमति मांगी थी, उसे अस्वीकार कर दिया है। ताजमहल में शिव चालीसा का पाठ नहीं हो सकता। 

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