अब उत्तर प्रदेश की सड़कों पर नहीं दिखेंगे बेसहारा गोवंश, मंत्री ने दिए अधिकारियों को ये निर्देश
Agra News अब यूपी की सड़कों पर बेसहारा गाय नजर नहीं आएंगी। पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री ने धर्मपाल सिंह ने उनके विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए जो दूध निकालकर गायों को छोड़ देते हैं। मंत्री ने कहा कि गोशालाओं के प्रति समाज में जागरूकता अभियान चलाया जाए। एक भी गोवंशी सड़क पर घूमता न मिले।
आगरा, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश की सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गोवंशियों पर अब सरकार ने एक बार फिर से काम करने का निर्देश दिया है। बेसहारा गोवंशी को हर हाल में आश्रय स्थल (गोशाला) पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जाए। गोशालाओं में चारा, पानी, छाया, बिजली और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की जाए। ये दिशा निर्देश गुरुवार को सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने दिए।
पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री ने धर्मपाल सिंह ने उनके विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए, जो दूध निकालकर गायों को छोड़ देते हैं। मंत्री ने कहा कि गोशालाओं के प्रति समाज में जागरूकता अभियान चलाया जाए। एक भी गोवंशी सड़क पर घूमता न मिले। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य पूछा मगर वे संतुष्टिपूर्ण जवाब नही दे सके।
पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री ने धर्मपाल सिंह ने बैठक में कहा कि अगले पांच साल में 1000 करोड़ के निवेश से गांवों में दुग्ध विक्रय की सुविधा कर दी जाएगी। प्रत्येक ब्लाक पर नई दुग्ध सहकारी समिति का गठन होगा। किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य पर कार्य किया जा रहा है।
योगी राज में भयभीत हैं अपराधी
पत्रकारों को संबोधित करते हुए पशुधन मंत्री ने कहा कि योगी राज में अपराधी भयभीत हैं। उनका स्थान जेल है। पूर्व की सरकार में अपराधी थानों में कुर्सी डालकर बैठा करते थे। अब अपराधी या तो उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे या फिर जेल में दिखाई देंगे।
बैठक में ये रहे मौजूद
एमएलसी विजय शिवहरे, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष असफाक सैफी, सीडीओ ए. मनिकंडन, अपर नगरायुक्त सुरेंद्र यादव, डीसी मनरेगा रामायण यादव, डीपीआरओ नीतेश भोंडेले, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक विवेक भारद्वाज, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. एमपी सिंह आदि।
दी गई ये जानकारी
- 6916 निराश्रित गौवंशी हैं
- जनपद में 57 गो संरक्षण केंद्र हैं
- 13453 गोवंशी को दिया गया आश्रय
- 1848 गौवंशी सुपुर्दगी में दिए गए
- 05 अतिरिक्त वृहद गौ संरक्षण केंद्र के निर्माण
- 60 लाख अवमुक्त 06 वृहद गौ संरक्षण केंद्र के निर्माण का प्रस्ताव भेजा