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World Bicycle Day: घर में है कार, कोरोना वायरस संक्रमण काल में साइकिल के आगे बेकार

दयालबाग में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक चलाते हैं साइकिल। पर्यावरण संरक्षण और फिट रहने के लिए दयालबाग के लोगों की जीवनशैली का हिस्सा है साइकिल। लेकिन अब दूसरे लोग कोरोना संक्रमण काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोग बाइक और कार छोड़कर साइकिल अपना रहे हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Updated: Wed, 02 Jun 2021 05:04 PM (IST)
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लोग अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अब कारों को छोड़ साइकिल को अपना रहे हैं।

आगरा, गौरव भारद्वाज। आज के दौर में हर जगह तेज रफ्तार कार और बाइक दौड़ रही हैं, वहीं शहर का एक ऐसा इलाका भी है, जहां बच्चे से लेकर बुजुर्ग और महिलाएं तक सब सिर पर हेलमेट लगाकर साइकिल के पैडल मारते हुए आते-जाते दिख जाएंगे। ऐसा नहीं है कि इन लोगों के पास साइकिल के अलावा कोई दूसरा वाहन नहीं है। अधिकांश के घर पर कार और बाइक है, लेकिन इसके बाद भी इन्हें साइकिल की सवारी भाती है। ऐसे लोगों की संख्या एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों में है। दयालबाग के लोगों ने साइकिल को अपनी जीवन का हिस्सा बनाया हुआ है।

कोरोना संक्रमण काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोग बाइक और कार छोड़कर साइकिल अपना रहे हैं, लेकिन दयालबाग में सालों से साइकिल लोगों की जीवनशैली का हिस्सा है। सीनियर सिटीजन गुरुचरन दास बताते हैं कि वो कालेज के समय से ही साइकिल चला रहे हैं। उन्होंने अपनी पूरी नौकरी साइकिल से ही की है। घर में कार भी है लेकिन आज भी वो सारे काम साइकिल से करते हैं। साइकिल चलाने से वो फिट हैं। उनका घुटने का दर्द रहता है, लेकिन साइकिल चलाने से उन्हें आराम मिलता है। इसी तरह 82 वर्षीय दयालबाग निवासी एससी श्रीवास्तव भी आज भी साइकिल से चलना पसंद करते हैं। वो 1945 से साइकिल चला रहे हैं। साइकिल से ही स्कूल- कालेज गए। जब नौकरी लगी तब भी साइकिल नहीं छोड़ी। अब रिटायर हुए 22 साल हो गए हैं, लेकिन उनकी साइकिल रिटायर नहीं हुई है। 81 वर्षीय जे आनंद राव भी अपने घर के सभी काम साइकिल से निपटाते हैं। चार-पांच किमी की दूरी वो साइकिल से ही तय करते हैं।

सुबह-शाम सड़कों पर दिखती हैं साइकिल

दयालबाग में सुबह और शाम खेतों पर सेवा के दौरान सड़कों पर साइकिल ही साइकिल दिखती हैं। बच्चे, महिला-पुरुष और बुजुर्ग सभी साइकिल से चलते हैं। चाहे डाक्टर हो या प्रोफेसर या बिजनेसमैन सब साइकिल बड़ी शान से चलाते हैं। लोगों का कहना है कि साइकिल चलाने से वो फिट रहते हैं। हर घर में मिलेगी साइकिलदयालबाग में राधास्वामी सत्संग सभा से जुड़ी पांच कालोनियां हैं। इन कालोनियों में करीब 1200 मकान हैं। खेतों में जाने के लिए यहां के लोग साइकिल से चलते हैं। ऐेसे में यहां के हर घर में साइकिल मिल जाएगी। कई घर ऐसे हैं जिसमें सभी सदस्य साइकिल चलाते हैं। ऐसे में घरों में चार से पांच साइकिल भी है। दयालबाग के बच्चे भी साइकिल पसंद करते हैं।

कालोनी में नहीं मिलता वाहनों को प्रवेश

दयालबाग में पर्यावरण संरक्षण के लिए साइकिल का प्रयोग किया जाता है। इससे शरीर भी स्वस्थ रहता है। दयालबाग की कालाेनियों में वाहनों का प्रवेश नहीं है। कालोनी में जाने के लिए साइकिल का प्रयोग करना होता है। इसके अलावा आने-जाने के लिए दयालाबाग के ई-रिक्शा का प्रयोग करना होता है।

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