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Investigation: 30 फीसद डिस्काउंट पर बेचे गए थे Oppo कंपनी के लूटे गए मोबाइल

लुटेरों की गिरफ्तारी को पुलिस की चार टीम जोड़ रहीं कड़ी से कड़ी। लुटेरों ने लूटे गए मोबाइल अलग-अलग स्थानों पर 30 फीसद डिस्काउंट पर बेच दिए थे। बुधवार को पांच से दस फीसद कमीशन पर मोबाइल बेचने आगरा जाते समय पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

By Nirlosh KumarEdited By: Updated: Fri, 29 Oct 2021 04:13 PM (IST)
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लुटेरों की गिरफ्तारी को पुलिस की चार टीमें कड़ी से कड़ी से जोड़ने की कोशिश कर रही हैं।

आगरा, जेएनएन। ग्रेटर नोएडा से बेंगलुरू लेकर जा रहे ओप्पो कंपनी के मोबाइल फोन से भरे कैंटर को अगवा कर करीब आठ कराेड़ रुपये के मोबाइल फोन लूटकर फरार हुए लुटेरों की गिरफ्तारी को पुलिस की चार टीमें कड़ी से कड़ी से जोड़ने की कोशिश कर रही हैं। लुटेरों ने लूटे गए मोबाइल अलग-अलग स्थानों पर 30 फीसद डिस्काउंट पर बेच दिए थे। बुधवार को पांच से दस फीसद कमीशन पर मोबाइल बेचने आगरा जाते समय पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

युंताई इंटरनेशनल सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड कासना ग्रेटर नोएडा का चालक मुनीष यादव पांच अक्टूबर को ओप्पो कंपनी के 8,990 मोबाइल फोन लेकर बेंगलुरू जा रहा था। दो बदमाश थाना फरह क्षेत्र से ग्वालियर बाइपास से कैंटर में सवार हुए थे। बबीना टाेल से आगे कैंटर को अगवा कर लूट लिया गया था। कंपनी के मैनेजर सचिन मानव ने घटना की रिपोर्ट थाना फरह में कराई थी। पुलिस ने लूटे मोबाइल फोन को आगरा बेचने जाते समय रोनी उर्फ रोहित धारीवाल निवासी गांव फतेहपुर थाना विलासपुर नूंह मेवात, केवल निवासी गांव नैनवाल थाना मानेश्वर गुरुग्राम, राकेश कुमार यादव निवासी ख्वासपुर थाना फरुखनगर गुरुग्राम और गौरव बंसल निवासी अनाज मंडी मुख्य मार्ग कस्बा ताबडू नूंह मेवात को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पूछताछ में पुलिस को आरोपितों से कई अहम जानकारियां मिलीं। पकड़े गए लोगों ने ये मोबाइल नूंह जिले के गांव घुरावली निवासी सलीम, सवरस निवासी नदीम उर्फ इस्लाम और नियाजू उर्फ नियाज से 30 फीसद डिस्काउंट पर खरीदे थे। पांच से दस फीसद कमीशन पर इन मोबाइल फोन को बेचने के लिए चारों आगरा जा रहे थे। लूटे गए मोबाइल फरार आरोपितों ने ही इन चारों को बेचे थे, या फिर कैंटर लूटने वाले बदमाश कोई और हैं, इस कड़ी को भी पुलिस जोड़ रही है। पुलिस की चार टीमें फरार आरोपितों की तलाश में लगी हैं।

एसएसपी डाॅ. गौरव ग्रोवर ने बताया, अभी तक चोरी का माल खरीदने वाले ही गिरफ्तार किए हैं, जबकि अन्य लोग अभी फरार हैं। जब तक वे पुलिस की गिरफ्त में नहीं आते हैं। तब तक आगे की कड़ी नहीं जुड़ सकती। वास्तविक लुटेरों के गिरफ्तार होने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि वह कैंटर को नागपुर में खाली कर मोबाइल मेवात कैसे लेकर पहुंचे थे। इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश में पुलिस टीमें लुटेरों के संभावित स्थानों पर दबिश दे रही हैं। लुटेरों के गिरफ्तार होने पर ही इस घटना का पर्दाफाश हो पाएगा।

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