आगरा में विकसित की जाएगी टाउनशिप, 1044 काश्तकारों की भूमि का होना है अधिग्रहण; जल्द कैंप लगाएगा ADA
आगरा की काकुआ-भाण्डई टाउनशिप में 50 प्रतिशत हरित क्षेत्र होगा। टाउनशिप में 9 मीटर चौड़ी सड़कों के किनारे यूटिलिटी डक्ट भी बनाई जाएंगी। टाउनशिप के प्रवेश द्वार में साधारण व आधुनिक शैली का संगम देखने को मिलेगा। टाउनशिप के चयनित नाम के अनुरूप ही यहां कलाकृतियां बनाई जाएंगी। एडीए उपाध्यक्ष एम. अरून्मोली ने बताया- टाउनशिप के लिए काश्तकारों को एडीए बुलाकर कैंप में बैनामे कराए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, आगरा। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नए शहर प्रोत्साहन योजना में ककुआ-भांडई टाउनशिप के प्रत्येक फेज में 50 प्रतिशत हरित क्षेत्र छोड़ा जाएगा। टाउनशिप के अंदर नौ मीटर चौड़ी सड़कों के किनारे यूटिलिटी डक्ट भी बनाई जाएंगी। टाउनशिप के प्रवेश द्वार में साधारण व आधुनिक शैली का संगम देखने को मिलेगा। टाउनशिप के चयनित नाम के अनुरूप ही यहां कलाकृतियां बनाई जाएंगी।
एडीए ककुआ-भांडई में 138.5365 हेक्टेयर भूमि में 35 वर्षों के अंतराल के बाद टाउनशिप बनाने जा रहा है। इसके लिए 23 सितंबर तक 50.7055 हेक्टेयर भूमि 264.18 करोड़ रुपये की लागत से खरीद ली गई थी।
एडीए ने शुरू की भूमि खरीद की तैयारी
टाउनशिप के लिए सीड कैपिटल की 242 करोड़ रुपये की धनराशि का शासनादेश जारी होते ही एडीए ने अब भूमि खरीद को तैयारी शुरू कर दी है। 30 सितंबर व एक अक्टूबर को एडीए में कैंप लगाकर काश्तकारों से एडीए के पक्ष में बैनामे कराए जाएंगे। इसके लिए मसौदा तैयार करने और काश्तकारों से संपर्क करने का काम बुधवार से शुरू कर दिया गया।- ककुआ-भांडई टाउनशिप को 1044 काश्तकारों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। अभी करीब 800 काश्तकारों से बैनामे कराए जाने हैं।
- टाउनशिप को पहले प्रवेश द्वार की भूमि और फेज प्रथम भांडई की भूमि को खाली कराकर कब्जा लिया जाएगा। पहले प्रवेश द्वार बनेगा।
- प्रथम चरण को जिन काश्तकारों की भूमि की आवश्यकता एडीए को है, पहले उनकी भूमि खरीदी जाएगी।
- खरीदी गई भूमि पर स्थित मैरिज होम की भूमि पर मौजूद स्ट्रक्चर का प्रयोग साइट आफिस के रूप में होगा।
- योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट वैट कराने को आइआइटी कानपुर, आइआइटी दिल्ली व अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से संपर्क किया जाएगा।
- टाउनशिप को खरीदी जाने वाली भूमि पर लगे पेड़ों का सर्वे कर यह देखा जाएगा कि योजना के लिए कितने पेड़ों को काटने की आवश्यकता होगी।
- आवंटियों के प्रयोग को दो से तीन स्थानों पर भूमिगत जल की टेस्टिंग कराई जाएगी, जिससे भूमिगत जल खराब पाए जाने पर अन्य विकल्प पर विचार किया जा सके।
- प्रथम चरण का प्लान फाइनल होते ही यूपी रेरा में एडीए पंजीकरण कराएगा।
एडीए उपाध्यक्ष एम. अरून्मोली ने बताया-
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