Banke Bihari: कभी केले के तने और पत्तियों से सजता था बंगला, आज लगते हैं देसी-विदेशी फूल, पढ़िए अनोखी की परंपरा के बारे में
Banke Bihari Mandir ठा. बांकेबिहारीजी की सेवा परंपरा की जो शुरुआत उनके प्राकट्यकर्ता स्वामी हरिदास ने शुरू की थी आज भी सेवायत उसे निभा रहे हैं। गर्मी के दिनों में ठाकुरजी को राहत देने के लिए फूलबंगला की सेवा 109 दिन होती है।
By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Thu, 28 Jul 2022 06:30 PM (IST)
आगरा, जागरण टीम। ठा. बांकेबिहारी मंदिर में गुरुवार को हरियाली अमावस पर ठाकुरजी साल के अंतिम फूलबंगला में विराजे। सीजन के अंतिम दिन सजे फूलबंगला में विराजे आराध्य बांकेबिहारी के दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
श्रद्धालुओं ने मंदिर में सजे दिव्य फूलबंगला में आराध्य के दर्शन कर प्रसाद अर्पित किया। अब अगले साल ही ठा. बांकेबिहारी फूलबंगला में विराजकर भक्तों को दर्शन देंगे।
हरियाली अमावस पर लगी भक्तों की भीड़
हरियाली अमावस पर वृंदावन में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ दर्शन व पंचकोसीय परिक्रमा के लिए उमड़ी। सावन की अमावस को देश भर से आए भक्तों की भीड़ सुबह ठा. बांकेबिहारी मंदिर के पट खुलने से पहले ही पहुंच गई। सुबह तय समय 7.45 बजे जैसे ही मंदिर के पट खुले आराध्य के दर्शन को भीड़ एक साथ मंदिर में प्रवेश कर गई।एक साल बाद सजेगा फूलबंगला
चैत्र शुक्ल पक्ष की कामदा एकादशी को शुरू हुई ठा. बांकेबिहारी मंदिर में फूलबंगला सजाने की प्रक्रिया अब एक साल बाद ही शुरू होगी। गर्मी में ठाकुरजी को शीतलता प्रदान करने के लिए ये परंपरा स्वामी हरिदास ने ही शुरू की थी। परपंरा का निर्वहन आज भी मंदिर में हो रहा है। लेकिन, इस फूलबंगला की सजावट में आधुनिकता का तड़का लग चुका है। कभी केले के तने और पत्तियों से संजता था बंगला
पहले केले के तने और पत्तियों से बंगला सजाए जाते थे। आज देसी-विदेशी फूलों का उपयोग होने के साथ पूरे परिसर को दिव्य और भव्य बनाया जाता है। कामदा एकादशी से शुरू होने वाले ये फूलबंगला हरियाली अमावस तक सजाए जाते हैं। लेकिन, इस बीच एक दिन अक्षय तृतीया के दिन फूलबंगला नहीं सजता। ऐसे में सीजन में 109 दिन में 218 फूलबंगला की सेवा भक्त करते हैं। अब अगले वर्ष की मिलेगा फूल बंगला सजाने का मौका
जो भक्त इस साल फूल बंगला नहीं सजा पाए हैं, उन्हें अब अगले साल ही मौका मिलेगा। हरियाली तीज पर स्वर्ण-रजत हिंडोले में दर्शन देंगे आराध्य हरियाली अमावस को अंतिम दिन फूलबंगला में दर्शन देने के बाद ठा. बांकेबिहारीजी हरियाली तीज 31 जुलाई को बेशकीमती स्वर्ण-रजत हिंडोले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। ये भी पढ़ें...Mathura Junction: किसी वीआइपी होटल से कम नहीं है रेलवे स्टेशन, देखिए तस्वीरें
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